महंत नारायणदास स्मृति वार्षिक सम्मान के अन्तर्गत 17 विभूतियां सम्मानित

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बाँसवाड़ा, 12 जनवरी/जगद्गुरु  रामानन्दाचार्य जी महाराज की 123वीं जयन्ती एवं ऐतिहासिक एवं प्राचीन तपोभूमि लालीवाव मठ के महन्त श्री नारायणदासजी महाराज की बीसवीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में आयोजित पांच दिवसीय आध्यात्मिक महोत्सव के अन्तर्गत बुधवार रात भजलेराम परिसर में आयोजित साहित्य समारोह में प्रमुख साहित्यकारों एवं साहित्यानुरागियों ने हिस्सा लिया।

समारोह लालीवाव पीठाधीश्वर महामण्डलेश्वर  महन्त हरिओमदास महाराज की अध्यक्षता तथा केलूखेड़ा हनुमान मन्दिर के महंत एवं प्रसिद्ध कथावाचक संत  रामदासजी महाराज के मुख्य आतिथ्य में हुआ। अतिथियों ने मंगलाचरण एवं गुरु वन्दना से समारोह की शुरूआत की। इस अवसर पर संत-महात्मामहंतलालीवाव मठ के शिष्य तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।*

समारोह में लालीवाव पीठाधीश्वर श्रीमहन्त हरिओमदास महाराज ने कला-संस्कृतिसमाज जीवन और साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट एवं उल्लेखनीय योगदान के लिए विशिष्ट विभूतियों को महन्तश्री नारायणदास महाराज की स्मृति में वार्षिक सम्मान श्रृंखला में उपरणा एवं शॉल ओढ़ाकर तथा सम्मान पत्र प्रदान किया।इनमें वरिष्ठ गीतकार  हरीश आचार्य एवं लेखक-कवि  प्रकाश पण्ड्या को साहित्य जगत के सर्वोच्च सम्मान ‘महंत  नारायणदास साहित्य शिरोमणि सम्मान’ से सम्मानित किया गया।

कला और संगीत क्षेत्र में ‘महंत श्री नारायणदास मातंगी सम्मान’ गायक कलाकार  वीरेन्द्रसिंह राव तथा भजनगायक  हितेष वैष्णव एवं  अशोक पालीवाल को प्रदान किया गया।समारोह में बहुआयामी कार्यक्रमों में बेहतर संचालन के लिए मशहूरजाने-माने रंगकर्मी एवं कवि  सतीश आचार्य तथा युवा कवि  भंवर गर्ग ‘मधुकर’ को ‘महंत श्री नारायणदास ओजस्वी मंच संचालक सम्मान’ प्रदान किया गया।

इस अवसर पर साहित्य की विभिन्न विधाओं में अपना नाम रोशन करने वाले 10 कवि-कवयित्रियों और लेखकों को ‘महन्त नारायणदास साहित्य सम्मान’ से सम्मानित किया गया। इनमें शायर श्री सईद मंजरआकाशवाणी के वरिष्ठ उद्घोषक  प्रमोद शर्मा(बीकानेर),  मोहनदास वैष्णव,  जगन्नाथ तेलीश्रीमती ममता सिंहश्रीमती सारिका भुवन त्रिवेदी(छींछ),  अशोक मदहोश,  तारेश दवेश्री सूर्यकरण सोनी ‘सरोज’ एवं  हिमेश उपाध्याय शामिल हैं।

समारोह का संचालन करते हुए उजास परिवार के संयोजक एवं युवा साहित्यकार श्री भंवर गर्ग ‘मधुकर’ ने साहित्य समारोह श्रृंखला के उद्देश्यों व अब तक के सफर पर प्रकाश डालते हुए साहित्य जगत की ओर से तपोभूमि लालीवाव के पीठाधीश्वर का आभार जताया और कहा कि पिछले वर्षों से निरन्तर जारी सम्मान समारोह ने रचनाधर्मिता से जुड़े साहित्यकारों को प्रोत्साहन देते हुए मठ की रचनात्मक भागीदारी का अनुकरणीय आयाम पेश किया है।

समारोह में अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए लालीवाव पीठाधीश्वर श्रीमहन्त हरिओमदास जी महाराज ने साहित्य समारोह में सहभागिता निभाने वाले प्रमुख साहित्यकारों से समरसमतामाधुर्य और सद्भावना की ज्योत जगाने का आह्वान करते हुए समाज में अमृततत्व के प्रसार पर जोर दिया।उन्होंने कहा कि बांसवाड़ा में कला-संस्कृतिसाहित्य और विभिन्न क्षेत्रों के कर्मयोगियों को प्रोत्सालसम्बल एवं मंच प्रदान करने की दिशा में लालीवाव मठ अपने सामाजिक एवं आध्यात्मिक सरोकारों के निर्वहन में बहुआयामी गतिविधियों को और अधिक विस्तार देगा।

समारोह के अन्तर्गत श्री भंवर गर्ग ‘मधुकर’ के संचालन में हुए कवि सम्मेलन में प्रमुख कवियों एवं कवयित्रियों ने सामाजिक एवं राष्ट्रीय सरोकारोंआध्यात्मिक चिन्तनगुरु महिमा तथा सम सामयिक विषयों पर धारदार कविताओंगीत-ग़ज़लों और शायरियों से श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया।