नयी दिल्ली, 27 दिसम्बर । कांग्रेस ने भारत जोडो यात्रा को लेकर बीजेपी की ओर से सोशल मीडिया पर फैलायी गई भ्रामक सूचनाओं के पुलिन्दा का पर्दापाश किया ।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की सोशल प्रकोष्ठ की मुखिया श्रीमती सुप्रिया श्रीनेत ने पत्रकारों के समक्ष झूठ का खुलासा किया ।उन्होने कहा भारत जोड़ो यात्रा के 109 दिन हो गए हैं और इस यात्रा में उमड़े जन सैलाब को देखकर भारतीय जनता पार्टी के होश उड़े हुए हैं। लेकिन वो इतने बौखला जाएंगे ये हम भी नहीं जानते थे। जहाँ करोड़ों लोग दलगत राजनीति से ऊपर उठकर भारत को जोड़ने में जुटे हुए हैं, वहाँ भारतीय जनता पार्टी ने इस यात्रा को बदनाम करने में, दुष्प्रचार करने में, झूठ बोलने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
श्रीनेत ने संवाददाताओ से क्या कहा हूबहू आपके लिए
उन्होने कहा कि सिलसिलेवार तरीके से बता देना चाहते हैं कि बीजेपी ने किस तरीके से और कितने झूठ बोले गए और इस झूठ बोलने को और झूठ को बढ़ाने में किस-किसका हाथ था। शुरुआत होती है- राहुल जी क्या पहनते हैं, क्या खाते हैं, कहाँ सोते हैं, कंटेनर कैसे हैं। उनके भाषणों को कांट-छांट कर गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया और ये काम भारतीय जनता पार्टी की ट्रोल आर्मी ने नहीं किया, ये काम मोदी जी के गृहमंत्री ने, उनके मंत्रियों ने, उनके प्रवक्ताओं ने, उनके आईटी सेल के इंचार्ज ने और भक्तों ने मिलकर किया और इसमें बहुत बड़ी भूमिका, बड़े खेद और दुख के साथ कहती हूं, बहुत बड़ी भूमिका मीडिया के कुछ चंद संस्थानों ने भी निभाई, जिनको मैं ‘नोएडा का कमांडो वॉरियर, एंकर गढ़’ कहती हूं, झूठ को परोसा गया, झूठ को और बढ़ाया गया। उन पर हमारी नज़र है और हम आगे उनके बारे में बात करेंगे, लेकिन मुद्दे की बात ये है कि जिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ये झूठ बढ़ाया गया, उन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने भी उस झूठ को बेनकाब किया। अगर एक आईटी सेल के ट्वीट को एक प्लेटफॉर्म कहता है ये मैनुप्लेटेड है या ये आउट ऑफ कॉन्टेक्स्ट है या फैक्ट चैकर, उसको बेनकाब करते हैं। तो ये सिर्फ उनकी बेइज्जती नहीं है, ये उस अध्यक्ष की बेइज्जती है, जिन्होंने उसको अपॉइंट किया है। जब मंत्री उसको शेयर करते हैं तो ये मोदी जी का झूठ पकड़ा जाता है, जिन्होंने उनको नियुक्त किया है।
तो सिलसिलेवार तरीके से 9 बड़े झूठ बोले गए और उनका कैसे पर्दाफाश हुआ।
जैसा कि आपने देखा पहला झूठ था – 5 सितारा होटल की तरह कंटेनर है। कंटेनर ऐसे हैं जहाँ 4 से 8 लेकर, 8 नहीं कहीं-कहीं 12 – 12 लोग एक कंटेनर में रुकते हैं। ट्रक के ऊपर बने ये कंटेनर कोई ऐसी सुविधा से लैस नहीं हैं और अगर ज्यादा उन सुविधाओं को उठाने का मन है तो भाजपा के कुछ लोग आएं और रहें उन कंटेनरों में 4 महीने तक। गर्मी से बरसात हो गई और बरसात से कड़ाके की ठंड आ गई और आज भी यात्री उस कंटेनर में रुके हुए हैं। पहला झूठ ये था और उसका जबरदस्त पर्दाफाश हुआ।
दूसरा झूठ – राहुल जी ने कन्याकुमारी में विवेकानंद जी की आराधना नहीं की, उनका नमन नहीं किया और इसमें राहुल गांधी ट्रोल मंत्रालय जो सरकार को अधिकृत तौर पर बना देना चाहिए, क्योंकि उसकी एक मंत्री पहले ही हैं, स्मृति ईरानी जी। अपने मंत्रालय पर महिलाओं के खिलाफ अत्याचार हो या कुपोषण हो, एक शब्द नहीं बोलती हैं। लेकिन राहुल गांधी जी को ट्रोल करना, वो तो सबसे पहले लपक कर आ जाती हैं, पर silly soul did not realise that there was picture available, there was video available, जहाँ पर राहुल गांधी जी ने, न सिर्फ नमन किया विवेकानंद जी को, उनके स्मारक की परिक्रमा भी की। तो उनका झूठ पकड़ा गया, लेकिन मैं ये जरूर बोलना चाहती हूं कि ज़हर उगलना राहुल गांधी जी के खिलाफ़ एक बात है, आप संविधान की शपथ लेकर एक मंत्री बनी हैं, आपका मंत्रालय जरूर बदलकर राहुल गांधी ट्रोल मंत्रालय बना देना चाहिए।
तीसरा झूठ बोला गया- राहुल गांधी भाषण नहीं देते हैं और प्रेस वार्ता नहीं करते हैं। आपमें से तमाम साथी ऐसे हैं, जिन्होंने पिछली 8 प्रेस वार्ता राहुल जी की अटेंड की हैं। उन्होंने तमाम जन सभाएं की हैं, कई नुक्कड़ सभाएं की हैं, जहाँ पर वो लगातार भाषण देते आए हैं और बिना टेलीप्रॉम्प्टर के भाषण दे रहे हैं और बिना सवाल जवाब एक्सचेंज हुए। जिसका मन आता है, वो सवाल पूछता है, कोई सवाल पहले से नहीं आता है और लगातार सरकार को घेरने का काम कर रहे हैं। ये अलग बात है कि उनके भाषणों से सरकार की नींद गायब है और एक बात और है साढ़े आठ साल से ऊपर हो गए, मोदी जी ने एक भी प्रेस वार्ता नहीं की, बिना टेलीप्रॉम्प्टर के बोलते नहीं हैं। टेलीप्रॉम्प्टर फेल होता है, तो मोदी जी ढेर हो जाते हैं। तो उनके लोगों को लगता है कि जैसे वो हैं, वैसी दुनिया है, लेकिन ऐसा है नहीं। राहुल जी ने 8 प्रेस वार्ताएं की हैं, आगे भी करेंगे, और लगातार भाषण देकर इस सरकार की बखियां उधेड़ रहे हैं।
चौथा झूठ- एक बहुत बड़ा झूठ बोला गया कि राहुल जी दक्षिण में सिर्फ चर्च गए। ये वही बोल सकता है जो ना हिंदुस्तान को समझता है, ना हमारे देश की संस्कृति को समझता है, ना दक्षिण की मान्यताओं को समझता है, ना दक्षिण के मंदिरों के बारे में जानता है। वैसे तो राहुल जी तमाम, हर उस जगह गए जहाँ इंसान जाकर आस्था से सिर झुकाते हैं, चाहे वो मंदिर हो, गुरुद्वारा हो, दरगाह हो, मस्जिद हो या चर्च हो। लेकिन क्योंकि ये झूठ परोसा गया, तो दक्षिण भारत के कुछ मंदिरों का ज़िक्र करना यहाँ पर जरूरी है। केरल का श्री नारायण गुरु समाधि शिवगिरी मठ, माता आनंदमयी आश्रम, थुरवूर मंदिर, कर्नाटक में श्रीकण्ठेश्वर मंदिर, सुत्तूर मठ, चामुंडेश्वरी मंदिर, श्री आदिचुंचनागिरी महासंस्थान मठ, आंध्रप्रदेश में श्री महायोगी लक्ष्मम्मा अव्वा मंदिर, श्री राघवेंद्र स्वामी मठ, महाराष्ट्र में गुरुद्वारा यादगारी बाबा ज़ोरावर और फ़तह सिंह जी, तख्त सचखंड श्री हजूर अचल नगर साहिब, गजानन महाराज मंदिर, मध्य प्रदेश में ओंकारेश्वर मंदिर, नर्मदा घाट, श्री महाकालेश्वर मंदिर। तमाम उन मंदिरों में गए जहाँ हम और आप जैसे लोग जाते हैं और आस्था से इस देश की सुख और समृद्धि की कामना करते हैं। लेकिन ट्रोल आर्मी को, आईटी सेल को, भाजपा के मंत्रियों को और बद्दिमाग प्रवक्ताओं को क्योंकि ये देश समझ में नहीं आता, यहाँ की संस्कृति समझ में नहीं आती, वो नहीं जानते कि ईश्वर का वास तो कण-कण में है।
पांचवा झूठ परोसा गया कि भारत जोड़ो में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगे। क्योंकि मंदिरों से दाल गली नहीं, तो चिर-परिचित स्क्रिप्ट आ गई, पाकिस्तान की। वो झूठ भी पर्दाफाश हुआ। हमने एफआईआर भी की उन लोगों के खिलाफ, क्योंकि ये बताना जरूरी था कि ‘कांग्रेस जिंदाबाद’ को तोड़-मरोड़ कर आईटी सेल ने ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ बनाकर प्रस्तुत किया था।
छठा झूठ और ये बहुत बड़ा झूठ था और ये आप सब जानते और समझते हैं कि राहुल गांधी जी ने नर्मदा मां के तट पर उलटी आरती की। अगर बेचारे ट्रोल आर्मी आईटी सेल के हैड और मंत्री सातवीं कक्षा में जाकर थोड़ा पढ़ लेते स्कूल में, तो lateral inversion समझ जाते। जब आप आरती ऐसे करते हैं, जो सही तरीका है करने का, तो कैमरे पर वो हमेशा उलटी ही दिखती है, क्योंकि ‘P’ कैमरे पर ‘9’ दिखता है, ये lateral inversion होता है। लेकिन इस पर भी ये नहीं टिके, ये तब चुप हुए, जब मोदी जी के तमाम वीडियो सामने आ गए और महामानव भी उलटी आरती करते नजर आ रहे थे। आरती तो दोनों लोग सीधे कर रहे थे, लेकिन जब महामानव का चित्र सामने आया तो पूरी की पूरी ट्रोल आर्मी उसके बाद चुप हो गई। तो कहने की बात ये है कि आप ट्रोल करने राहुल गांधी जी को जाते हैं, बखिया आप मोदी जी की उधेड़ देते हैं, पता नहीं किसकी सुपारी लेकर कौन काम कर रहा है यहाँ पर।
उसके बाद सातवां झूठ बोला गया कि एक लड़की थी, उसने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए थे, उससे राहुल गांधी जी मिले। सर्वथा झूठ। इसको फैक्ट चैकर ने चैक किया, उसको सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने गलत ठहराया। जिस लड़की ने ऐसा किया था, ये गलत नारा लगाया था, उसका नाम अमूल्या लियोना था। जिस लड़की से राहुल गांधी जी मिले, वो केरल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया की लीडर है, मिवा आंद्रेलियो । बेचारे भक्तों को चश्मा भी खरीदना चाहिए और हर छोटे बाल वाली लड़की को एक नहीं समझना चाहिए। दो अलग-अलग लड़कियां थीं, उनके खिलाफ झूठ बोलकर अपनी मूर्खता का तो परिचय दिया ही, साथ में चश्मे के बढ़े नंबर का भी परिचय दिया।
आठवां झूठ एक बोला गया। बड़ा भयावह झूठ था ये कि यात्रा में यात्री जो हैं, वो शराब पीकर निकल रहे हैं। असलियत ये थी के ये मालाबार होटल एक चाय की दुकान है। हम लोगों ने उसकी जीपीएस लोकेशन भी रिलीज की और वहाँ पर ओछिरा कोल्लम में ये दुकान थी। वहाँ पर चाय ब्रेक के लिए सब लोग निकले थे और वहीं से यात्रा की पुन: शुरुआत हुई थी। वहाँ के एक वीडियो को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया। इतने झल्लाए, इतने बौखलाए हुए ये लोग हैं कि चाय पीना इनको मदिरा पीना नजर आता है, जैसा इनकी रैली में नजर आता है।
आज के लिए नौवां और अंतिम झूठ हम बता रहे हैं और ये कुछ ही दिन पहले हुआ। फेक न्यूज के सरगना बीजेपी के आईटी सेल के हेड, उन्होंने ट्वीट करते हुए बोला और तमाम लोग उसके बाद उसको फैलाने लगे, उसमें कुछ चरण चुंबक एंकर भी थे कि कैसे पूर्व केन्द्रीय मंत्री भंवर जितेन्द्र सिंह जी ने राहुल गांधी जी के फीते बांधे। असलियत ये थी कि उनके जूते के फीते खुल गए थे, वो राहुल जी के साथ आगे चल रहे थे, राहुल जी ने उनको अपने जूते के फीते बांधने के लिए कहा। अगर वो रुकते तो कारवां और बढ़ जाता और पीछे से काफी भीड़ आती है, तो राहुल गांधी जी खुद रुक गए। वो आए बीच में, उन्होंने अपने जूते का फीता बांधा और इस पर उन्होंने वीडियो भी रिलीज किया और स्पष्टीकरण भी दिया। लेकिन बेचारे लोग लगे रहे और तब तक लगे रहे क्योंकि विडंबना ऐसी थी कि राहुल गांधी जी जो जूता पहनते हैं और हाँ, मैंने वो वीडियो रिलीज किया, मैंने वो पिक्चर रिलीज किया। जो राहुल गांधी जी जूता पहनते हैं, वो लेस लॉक्ड है, उसमें लेस बांधनी ही नहीं पड़ती है। लेकिन बेचारे ट्रोल बार-बार इनका झूठ पकड़ा जाता है। इनका एक ही काम है झूठ बोलना, लेकिन बार-बार फजीहत होती है।
मेरा अपना मानना है कि ये झूठ भारतीय जनता की ट्रोल आर्मी, भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता, इनके मंत्री, इनके लोग अपने आपसे नहीं बोल रहे हैं। इनकी नियुक्ति या तो मोदी जी ने की है या तो नड्डा जी ने की है और इसलिए the buck of all the lies stops with them. उनके दरवाजे पर आकर ये सारे झूठ रुक जाते हैं। ये झूठ और दुष्प्रचार का काम उन्हीं लोगों ने किया है। हम ये जानते थे कि लोगों को भारत जोड़ता देखकर तानाशाह परेशान जरूर होगा, लेकिन माफीवीरों के इन झूठों को झूठ का पुलिंदा बनाते देखकर शायद थोड़ा सा तरस भी आता है और जैसा कि मैंने कहा कुछ नामी-गिरामी न्यूज एंकर इस झूठ को बढ़ाने का काम करते हैं। जब बताओ तो डिलीट कर देते हैं, माफी मांगते हैं पीछे से। शायद सार्वजनिक रूप से आप लोगों को नहीं दिखाते होंगे, डीएम मैसेज करके और एसएमएस करके माफी मांगते हैं, लेकिन अपना जमीर बेचकर पत्रकारिता का जो आप स्वांग रच रहे हैं, वो बंद कर दीजिए, क्योंकि आप किसकी गोदी में बैठे हैं, वो आपके हर एक ट्वीट, आपके हर एक फेसबुक पोस्ट, आपके हर एक लाइक से जरूर पता चल जाता है।
राहुल जी एक बात बिल्कुल सही कहते हैं और इस पर मैं 100 प्रतिशत सहमत हूं कि बीजेपी का काम है छवि खराब करना, लेकिन बेचारे ये काम भी ठीक से नहीं कर पा रहे हैं। बार-बार पकड़ लिए जाते हैं। कांग्रेस के खिलाफ दुष्प्रचार करने में मोदी जी ने अपनी तमाम ट्रोल आर्मी, बेतहाशा पैसा, मीडिया के अधिकांश एंकरगण को खड़ा कर दिया है। लेकिन जब भारत जुड़ने पर आ गया है तो ये कुछ नहीं कर पा रहे हैं। इनका झूठ बार-बार पकड़ा जा रहा है और एक आदमी अपनी तपस्या करते हुए, अजनबियों को गले लगाते हुए, आंसू पोंछते हुए, लोगों को हौसला जताते हुए, उनके बिखरे हुए सपनों को जोड़ते हुए आगे बढ़ता जा रहा है और ये देश जुड़ता जा रहा है और यही हमारी जीत है। हर झूठ का पर्दाफाश होता है, क्योंकि झूठ की उम्र बहुत कम होती है।
तो आप लोग जरूर ये झूठ दिखाइएगा और यहाँ इस मंच से सिर्फ अंतिम यही कहना है कि ये झूठ प्रायोजित है, ये झूठ शीर्ष सरकार के शीर्ष ऑफिसर से निकाले जा रहे हैं। हमें पता है कि 30 लोगों की एक आर्मी बैठकर पूरे वक्त यात्रा देखती है। मैं तो इस मंच से कहती हूं कि आईए इस यात्रा से जुड़िए, मोदी जी खुद भी आएं और इस यात्रा से जुड़ें, जो प्रेम और मोहब्बत और जो जज्बा देखने को मिलता है, उससे आपके अंदर की नफरत बदल जाएगी और आप एक बेहतर इंसान बन जाएंगे।
जिस तरीके से संवैधानिक और कानूनी संस्थाओं के द्वारा प्रयास किया गया है, भारत जोड़ो यात्रा को बदनाम करने के लिए और पटरी से हटाने के लिए, डीरेल करने के लिए इन संस्थाओं का दुरुपयोग हुआ है। हमें नोटिस मिला इलेक्शन कमीशन से, हमें नोटिस मिला, नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स से कि राहुल जी गए थे, एक ऑन द स्पॉट पेंटिंग कॉम्पटीशन था, वहाँ प्राईज डिस्ट्रीब्यूशन समारोह था और मुश्किल से 10-12 मिनट वहाँ राहुल जी रुके, कन्याकुमारी के पास और उसको लेकर एक बवाल मच गया, हमें नोटिस मिला, मुझे खुद इलेक्शन कमीशन में जाना पड़ा, स्पष्टीकरण मैंने दिया। हमने विस्तार से एक जवाब भी दिया, पर जब प्रधानमंत्री खुद गुजरात के चुनाव अभियान के दौरान एक छोटी बच्ची का इस्तेमाल करते हैं और उससे बहुत कुछ बुलवाते हैं, उस पर हमने इलेक्शन कमीशन को अवगत कराया, एनसीपीसीआर को हमने शिकायत की, उस पर चुप्पी। उस पर कोई कार्रवाई नहीं, कोई नोटिस नहीं प्रधानमंत्री को या बीजेपी की पार्टी को। ये दोहरे मापदंड हैं।
अभी-अभी 2-3 दिन पहले हरियाणा में कई लोग मुझे आकर मिले और कहा आईबी के कुछ अफसर हैं, उनसे पूछताछ कर रहे हैं। आप क्यों मिले? किस विषय पर बात हुई? आपने कुछ राहुल जी को ज्ञापन दिया, उसकी हमें कॉपी मिल सकती है? किसान संगठन, सामाजिक कार्यकर्ता, पूर्व सैनिक सबसे आईबी के अफसरों ने बात की। हमें कुछ छुपाने की कोई जरूरत नहीं है। पूरी पारदर्शिता से भारत जोड़ो यात्रा चल रही है। ये यूं ही।
हमारे कैंप साइट पर दो दिन पहले एक कंटेनर के अंदर 2 इंटेलीजेंस के अफसर हरियाणा सरकार के पाए गए। किसी ने देखा उनको, तो उनको पकड़ा, पूछा क्या कर रहे हो कंटेनर में? वो कह रहे हैं हम टॉयलेट इस्तेमाल कर रहे हैं। कैंप साइट पर टॉयलेट्स की कमी नहीं है। पर वही कंटेनर में जाना, मैं समझता हूँ ये जानबूझकर किया गया था और हमने सोहना पुलिस स्टेशन में शिकायत भी की, इसकी कॉपी आज सुबह मैंने ट्वीट की है, वैभव वालिया, जिसने शिकायत की भारत यात्रियों की ओर से, उन्होंने वो ट्वीट किया है, आपको सब उपलब्ध है। ये शिकायत की है, हमने और अनौपचारिक तौर से हमें कहा गया है कि ये हरियाणा सरकार के इंटेलीजेंस अफसर हैं। ये तो डबल इंजन सरकार है। हरियाणा के इंटेलीजेंस के अफसर कुछ करेंगे नहीं, जब तक उन्हें कोई आदेश नहीं आएगा, केन्द्र सरकार से।
तो ये संस्थाओं का दुरुपयोग जो हो रहा है, हमें छुपाने की कोई जरूरत नहीं है, कोई सीक्रेसी नहीं है, भारत जोड़ो यात्रा में। पूरी पारदर्शिता से भारत जोड़ो यात्रा पहले दिन से चल रही है। कंटेनर की बात आई, कंटेनर का हमने वीडियो होने दिया। प्रेस कांफ्रेंस की बात आई, राहुल जी ने प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया। अलग-अलग सवाल उठाए गए और हमेशा हमने सवालों का जवाब देने का प्रयास किया है। पर मैं एक बात कहूँ, कि ये प्रयास जारी रहेगा। अभी कोविड को लेकर एक प्रयास किया गया, एक खत हमें लिखा गया, राहुल जी को स्वास्थ्य मंत्री की ओर से और मैंने कहा है और मैं दोहराऊँगा, वो खत जो स्वास्थ्य मंत्री लिखते हैं, राहुल जी को, वो विशेषज्ञों की सलाह के आधार पर नहीं, आईसीएमआर की सलाह के आधार पर नहीं, कोई वैज्ञानिक संस्थाओं की सलाह के आधार पर नहीं, परंतु दो बीजेपी सांसदों के खत के आधार पर लिखा है।
पीपी चौधरी, बीजेपी के सांसद हैं, राजस्थान के और राजस्थान में जो उन्होंने देखा, जो स्वागत भारत जोड़ो यात्रा को मिला, उसके बाद पीपी चौधरी और एक दो सांसद ने स्वास्थ्य मंत्री को लिखा और उसी के आधार पर स्वास्थ्य मंत्री राहुल जी को लिखते हैं। तो ये तो बिल्कुल राजनीतिकरण है। तो ये प्रयास किए जाएंगे। अभी यूपी बाकी है, हरियाणा बाकी है, जम्मू कश्मीर बाकी है। मुझे पूरा विश्वास है कि ये प्रयास जारी रहेगा, पर ये भारत जोड़ो यात्रा को बदनाम करने में लगे रहेंगे, इसको डीरेल करने में लगे रहेंगे, पर वो सफल नहीं होंगे।
क्योंकि इसका एक सिम्पल कारण है कि पूरी पारदर्शिता से और ईमानदारी से ये भारत जोड़ो यात्रा की प्लानिंग हुई है, और भारत जोड़ो यात्रा निकाली गई है। हमें कोई नहीं रोक सकता। राहुल जी को और भारत जोड़ो यात्रियों को कोई नहीं रोक सकता। 120 भारत यात्रियों के साथ हमने भारत जोड़ो यात्रा को, 7 तारीख से, सितम्बर में कन्याकुमारी से शुरू किया था आज 150 भारत यात्री हैं और मैं उम्मीद करता हूँ कि जब हम श्रीनगर पहुंचेंगे, तब भारत यात्रियों की संख्या 200 हो जाएगी। अलग-अलग राज्यों से लोग आ रहे हैं। भारत जोड़ो यात्रा ने उनको फॉर्मली भारत यात्रियों का डेजिग्नेशन नहीं दिया है, पर अभी कुछ ही दिनों में, हरियाणा में, पंजाब में, यूपी में और जम्मू और कश्मीर में जब आप देखेंगे, तो 120 की जो संख्या थी, जिसकी शुरुआत हमने की थी, वो संख्या 200 तक पहुंच जाएगी।
भारत जोड़ो यात्रा में शामिल एक व्यक्ति द्वारा श्री राहुल गांधी के साथ सेल्फी लेने वाले वीडियो को लेकर पूछे एक प्रश्न के उत्तर में श्रीमती सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि ट्रोल करने वाली भाजपा की आईटी सेल है और आपकी कम्युनिटी के एंकर्स हैं, जो पत्रकारिता का पहला मूल-मंत्र भूल चुके हैं कि आपको बायस्ड नहीं होना है, छोड़िए उस बात को। एक बुजुर्ग व्यक्ति आए थे, राहुल जी के साथ वो तस्वीर लेना चाह रहे थे और बार-बार जो सेल्फी लेने वाला व्यक्ति था उनके सामने कैमरा कर रहा था, आप वीडियो की स्पीड को जब बढ़ा देते हैं, तो लगता है हाथ झटक रहा है, ओरिजिनल वीडियो में वो उसका हाथ नीचे ही कर रहे हैं, जैसा हम लोग कई बार सार्वजनिक जीवन में करते हैं, ये कोई मुद्दा ही नहीं है।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्रीमती श्रीनेत ने कहा कि मैं पहले तो इस बात का जवाब दे दूं कि जब राहुल गांधी जी या कांग्रेस पार्टी संस्थागत रूप से कुछ करती है तो वो ही पार्टी की विचारधारा है और वो ही पार्टी का स्टैण्ड है। किसी ने, किसी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर क्या कहा, जो कि अब डिलीट भी हो चुका है, मेरी जानकारी के अनुसार, मुझे नहीं लगता वो चीज मायने रखती है। और आप एप्पलस टू ऑरेन्जस कम्पेयर करिये कहाँ राहुल जी अगर एक स्टैण्ड लेकर खड़े हों और किसी ने कोई ट्वीट किया, वो उनका व्यक्तिगत मत हो सकता है, लेकिन मुझे नहीं लगता, वो पार्टी का किसी भी तरह से स्टैण्ड है।
आप सब लोगों ने सवाल पूछा कि अटल जी की समाधि वो क्यों गए? मुझे लगता है कि वो अटल जी की समाधि भी गए, वो चौधरी चरण सिंह जी की समाधि भी गए, वो शास्त्री जी की समाधि भी गए, महात्मा गांधी जी की समाधि भी गए, नेहरू जी की भी समाधि गए, इंदिरा गांधी जी की पर भी गए और राजीव गांधी जी की पर भी गए। मेरा अपना मानना है कि राहुल गांधी एक तपस्या पर निकले हैं और वो कहते हैं ये, मैं एक तपस्या पर निकला हूं, मेरे लिए भारत जोड़ो यात्रा एक तपस्या का स्वरूप है और जब आप तपस्या करते हैं तो आप सबको जोड़कर चलने की कोशिश करते हैं।
हमारा अपना मानना है कि भारतीय जनता पार्टी के लोग भी अगर यात्रा में शामिल होना चाहें, जो पहले हाथ बांधकर दफ्तरों के ऊपर खड़े रहते थे और अब अभिवादन करते हैं, हाथ जोड़कर, जब हमारी यात्रा, उनके दफ्तरों के बाहर से निकलती है, ये बदलते भारत का स्वरूप है।
अटल जी की जहां तक बात है, हर व्यक्ति का इस देश को बनाने में कन्ट्रीब्यूशन है और जब राहुल जी वहाँ जाते हैं, तो वो एक ऐसे व्यक्ति की समाधि पर गए, जिन्होंने 2002 में गुजरात के मुख्यमंत्री को और आज के प्रधानमंत्री को ‘राजधर्म’ की शिक्षा दी थी और मुझे ऐसा लगता है कि राहुल गांधी जी को, अटल जी की समाधि पर देखकर, आज के प्रधानमंत्री को अपना राजधर्म जरूर याद आना चाहिए और उनको उसका पालन करना चाहिए, जो अटल जी उनको कभी सिखाना चाहते थे। राजनीति बड़े मन से की जाती है और वही काम राहुल गांधी जी ने किया, आज।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्रीमती श्रीनेत ने कहा कि इस लोकतंत्र में हर विचारधारा समावेशित होती है। लोकतंत्र सिर्फ कांग्रेस है, हम ये बिल्कुन नहीं मानते। हम नहीं सोचते कि भाजपा मुक्त देश हो जाना चाहिए। हमारा अपना मानना है कि हर विचारधारा की अपनी जगह है, लेकिन अगर विचारधारा का ये विषाक्त रूप, जो आज देखने को मिल रहा है। विचारधारा के नाम पर अगर एक पर्टिकुलर कम्युनिटी को, शोषित, वंचित समाज को अगर आप टारगेट करेंगे, उनको मारेंगे, उनको पीटेंगे तो जरूर हम उसके खिलाफ बोलेंगे।
मुझे नहीं लगता कि अटल जी की सरकार में, अगर अटल जी प्रधानमंत्री थे और उन्होंने अपने मुख्यमंत्री से कहा कि राजधर्म का पालन करो तो जिस विचारधारा का उल्लेख आप कर रहे हैं, उन्होंने वो नहीं किया था, वो संविधान के साथ खड़े थे और संविधान में सबके हितों की बात कर रहे थे।
On a question Ms. Supriya Shrinate said- I think, a lot is being made out about somebody’s tweet. I think, when Shri Rahul Gandhi stands up for something that is the party stand. The person in question has also deleted it, to the best of my knowledge, but, that is not the issue. The issue is that when Shri Rahul Gandhi goes and pays homage at the Samadhis of whether its Rajiv Ji or Indira Ji or Shastri Ji, Nehru Ji, Mahatma, Chaudhary Charan Singh or even Atal Bihari Vajpayee Ji, he is actually paying homage to each and every individual who has built this country and Vajpayee Ji is one of them and quite frankly, Atal Bihari Vajpayee was the Prime Minister, who told the then Gujarat Chief Minister in 2002 and today’s Prime Minster to follow the Raj Dharma, which was to follow the constitution, he told him that lesson. It is a pity, Mr. Modi never learnt that lesson and he has kept the constitution at bay. We only hope and pray that today after seeing Rahul Ji at Atal Ji’s Samadhi, Mr. Modi will realise that his utmost duty is to safeguard the constitution and stop the violence in his name that’s happening and I think, that is the message that Shri Rahul Gandhi was trying to deliver.
Shri Rahul Gandhi’s Bharat Jodo is about a confluence of all kinds of ideologies and when, Shri Atal Bihari Vajpayee Ji told Mr. Modi to follow the Raj Dharma, to uphold the constitution, he was safeguarding the constitution and Mr. Gandhi’s presence at Atal Ji’s Samadhi is a mark of that respect.
On another question, Ms. Shrinate said- And what does he have to say about our victory in Himachal? Does that not change the political picture in this country? What does he have to say about the hands down victory of the Congress Party ‘Garh Mein Ghuskar Haraya Hai Nagpur Mein Humne, Bharatiya Janata Party Ko’ उसके बारे में वो क्या कहेंगे?
The message in Gujarat is very wide and clear that there is a team ‘B’and 5 MLAs were almost willing to jump ship, but, it would have reflected very badly on both team ‘A’ and team ‘B’ and which is why, they were stopped. Let us not read too much into one verdict and not the other. If Gujarat was a reflection on that then what is Himachal reflection of? Somebody should turn around and ask the Home Minister these questions.
भारत जोड़ो यात्रा के यूपी में प्रवेश करने पर श्री राहुल गांधी द्वारा बसपा सुप्रीमो सुश्री मायावती, सपा प्रमुख श्री अखिलेश यादव और जयंत चौधरी को भी में इसमें शामिल होने के लिए बुलावा भेजने को लेकर पूछे एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्रीमती सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि आपने अभी तक देखा होगा कि तमाम वो लोग दलगत राजनीति से ऊपर उठकर भारत जोड़ो यात्रा के साथ जुड़ रहे हैं। उसमें राजनीतिक लोग भी हैं, उसमें समाज सेविकाएं भी हैं, समाज सेवक भी हैं, उसमें किसान है, उसमें मजदूर हैं, उसमें डॉक्टर्स हैं, उसमें आशा, आंगनबाड़ी के लोग हैं, तमाम ऐसे लोग हैं, जो दलगत राजनीति से ऊपर उठकर भारत जोड़ो यात्रा के साथ जुड़ रहे हैं, क्योंकि उनको लगता है कि आज देश को जोड़कर रखने की जरूरत है, अगर बिखर गया, तो बड़ी मुश्किल हो जाएगी समेटने में और ऐसे में हर योद्धा का स्वागत है।
मुझे नहीं पता कि आप लोगों ने नोटिस किया कि नहीं किया, लेकिन 24 तारीख को जब दिल्ली में यात्रा चल रही थी, तो डीएमके के, शिवसेना के तमाम सांसद यात्रा में आकर चले थे। वो भीड़ और वो जन सैलाब उतना बड़ा था कि शायद आप लोग इतना नोटिस न कर पाए हों, लेकिन तमाम दलगत राजनीति से ऊपर उठकर लोग इससे जुड़ रहे हैं। तो यहाँ पर हर योद्धा का स्वागत है। हर योद्धा, जो इस देश को जोड़कर रखना चाहता है, जो बुनियादी तौर पर इस देश की संस्कृति को, इस देश की मान्यताओं को समझता है, वो इस यात्रा से जरूर जुड़ेगा।
मेरा मानना है कि इस यात्रा में मोदी जी को स्वयं आना चाहिए। आएंगे, चलेंगे, जज्बा और मोहब्बत देखेंगे, लोगों की, तो अंदर की नफ़रत भी खत्म होगी और इस देश को थोड़ा समझेंगे भी, फिर शायद टेलीप्रॉम्पटर लगाने की जरूरत न पड़े।