जयपुर, 13 दिसम्बर ।अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ ने अपनी मांगों के समर्थन में 15 दिसम्बर से जयपुर समेत सभी जिला मुख्यालयों पर कर्मचारी मुख्यमंत्री तथा मुख्य सचिव के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौपेंगे ।
महासंघ के जिला अध्यक्ष हरिनारायण यादव ने बताया कि 15 दिसम्बर को जिला मुख्यालय जयपुर पर हजारों कर्मचारी धरना प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री तथा मुख्य सचिव के नाम जिला कलेक्टर को सौंपेंगे ज्ञापन ।उन्होने कहा कि महासंघ के 15 सूत्री मांग पत्र तथा घटक संगठनों के लिखित समझोते लागू करवाना मुख्य मांग है ।
उन्होने कहा कि अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के 15 सूत्री मांग पत्र की मांगों का कोई समाधान नहीं करने तथा विभिन्न कर्मचारी संगठनों के संवर्ग हितार्थ किए गए गांधी वादी आंदोलनों पर लगातार दमनात्मक कार्यवाहियां करने को लेकर अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ में भारी आक्रोश व्याप्त हो रहा है,जिससे महासंघ की संघर्ष समिति ने सरकार के खिलाफ आर पार के आंदोलन का निर्णय किया है ।
यादव ने कहा कि पिछले कुछ समय में विभिन्न कर्मचारी संगठनों द्वारा कैडर के हितार्थ सरकार के ध्यानाकृष्ण के लिए किए गए गांधीवादी आंदोलनों को भी सरकार के निरंकुश नुमाइंदों ने राज द्रोह मानकर कर्मचारियों के आंदोलनों को छल ( झूठे समझोते पत्र ) तथा बल (संवाद हीनता तथा no work no pay ) जैसे अलोकतांत्रिक हथियारो का उपयोग कर कुचलने का दुष्कृत्य किया हैं ।जिससे प्रदेश के 8 लाख कर्मचारियों मे भारी निराशा तथा आक्रोश व्याप्त हों रहा है ।
महासंघ के जिला मंत्री रतन कुमार प्रजापति ने बताया कि सरकार महासंघ तथा घटक संगठनों के मांग पत्र तथा समझौतों की लगातार उपेक्षा कर रही है तथा संवाद हीनता बनाए हुए है ।इन परिस्थितियों में अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ ने सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के विरोध में संघर्ष को विवश हैं यदि सरकार ने समय रहते कर्मचारियों के हित में निर्णय नही किया तो प्रदेश के 8 लाख कर्मचारी जयपुर में सरकार का घेराव करेंगे जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी ।
महासंघ के प्रदेश संघर्ष संयोजक महावीर शर्मा ने बताया की 25 दिसंबर 2022 को राजधानी जयपुर में संघर्ष चेतना महाधिवेशन का आयोजन किया जाएगा । जिसमें महासंघ की प्रदेश तथा जिला कार्यकारिणी के अतिरिक्त महासंघ से संबंध समस्त संगठनों के प्रदेश कार्यकारिणी तथा प्रत्येक घटक संघठन के प्रत्येक जिले से जिला अध्यक्ष तथा जिला महामंत्री सहित न्यूनतम 3 पदाधिकारियों को सम्मिलित करते हुए लगभग 1000 कर्मचारी नेतृत्व कर्ताओं का संघर्ष चेतना महा अधिवेशन में भाग लेंगे ।
उन्होने कहा कि अधिवेशन में महासंघ के मांग पत्र तथा विभिन्न कर्मचारी संगठनों के समझोता पत्रों को लागू करवाने की आगामी रणनीति पर विस्तृत चर्चा करते हुए , संघर्ष की आगामी रूपरेखा की घोषणा की जाएगी।
मुख्य मांग–कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर कर वर्ष 2013 की अनुसूची 5 के अनुसार सातवें वेतन आयोग में वेतन निर्धारण किया जावे।कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 26000 किया जावे ।अन्य मागों में 9,18 एवं 27 वर्ष की सेवा पर एसीपी के स्थान पर 7,14,21, एवं 28 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति पद का वेतनमान स्वीकृत किया जावे। विभिन्न कर्मचारी संगठनों द्वारा किए गए समझौतों एवं सहमतियों को लागू किया जावे । सहायक कर्मचारियों को एमटीएस घोषित किया जावे। नियमित पदों पर संविदा कार्मिकों के भर्ती के लिए जारी संविदा नियम 2022 को प्रत्याहारित कर रिक्त पदों पर नियुक्त संविदा कार्मिकों / अस्थाई कार्मिकों को नियमित किया जावे।
जनवरी 2019 से जून ,2021 तक का महंगाई भत्ता स्वीकृत किया जावे। प्रदेश में लागू की गई पुरानी पेंशन योजना के पश्चात कर्मचारियों के एनपीएस में कटौती की गई राशि जी पी एफ खाते में स्थानांतरित की जावे तथा कर्मचारियों द्वारा लिए गए ऋण की वसूली के जारी आदेशों को प्रत्याहारित किया जावे। प्रदेश के मंत्रालयिक कर्मचारियों को शासन सचिवालय के समान वेतन भत्ते स्वीकृत किए जावे, कर्मचारी संगठनों के धरना प्रदर्शन पर रोक के लिए सरकार द्वारा अलोकतांत्रिक निर्णय कर जारी किए गए नो वर्क नो पे के आदेश दिनांक 05.10.2018 को प्रत्याहरित किया जावे।