सम्राट पृथ्वीराज चौहान की धनुर्विद्या हमारे देश की सांस्कृतिक धरोहर- लखावत

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अजमेर 08 मई। पूर्व सांसद एवं राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रन्नोती प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत ने कहा है कि सम्राट पृथ्वीराज चौहान की धनुर्विद्या हमारे देश की सांस्कृतिक धरोहर है जिस पर प्रत्येक देशवासी को गौरव करना चाहिए।

लखावत ने आज कहा कि सब जूनियर वर्ग के नन्हे-मुन्ने तीरंदाजी की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस उम्र में ही खेलों से जुड़ना और पदक जीतना एक सुखद संकेत है। तीरंदाजी खेल का कोई तोड़ नहीं है और यह प्राचीनतम खेल संस्कृति का हिस्सा रही है। युवा पीढ़ी का आह्वान करते हुए कहा कि युवा अवस्था से ही छात्र छात्रों को इस खेल में पारंगत हासिल करते हुए राज्य और देश का नाम रोशन करना चाहिए।

नगर निगम अजमेर के तत्वावधान में लोहागल रोड स्थित करणी स्पोर्ट्स एकेडमी के मैदान पर आयोजित दो दिवसीय तीरंदाजी प्रतियोगिता के समापन हुआ। दो दिवसीय तीरंदाजी प्रतियोगिता में 150 से भी अधिक पुरुष महिला एवं जूनियर वर्ग के छात्र छात्राओं ने हिस्सा लिया।

समारोह की अध्यक्षता कर रहे आरटीओ वीरेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि इस तरह के खेल आयोजनों से खेल जगत में नई ऊर्जा उत्पन्न होगी और युवा पीढ़ी अधिक से अधिक खेल मैदानों की ओर रुख करेंगी।

समारोह समिति के कंवल प्रकाश किशनानी ने कहा कि आगामी वर्षों में इस प्रतियोगिता को राट स्वरूप प्रदान किया जाएगा। उन्होंने पुरस्कार विजेताओं को बताया कि जीत को सहज स्वीकार करें और जो पदक जीत नहीं सके उन्हें अधिक मेहनत कर आने वाले समय में इस उपलब्धि को अर्जित करने का आह्वान किया।

दो दिवसीय प्रतियोगिता में कुमाऊं रेजिमेंट उत्तराखंड के तीरंदाज ओने शानदार प्रदर्शन करते हुए प्रतियोगिता का ओवरऑल खिताब जीता। मेजबान अजमेर की टीम तीसरे स्थान पर रही।