नई दिल्ली, 19 मई ।अत्याधुनिक नया संसद भवन बनकर तैयार है। नए युग की आकांक्षाओं को पूरा करने के उद्देश्य से निर्मित संसद का नया भवन ‘डिजिटल संसद’ के अनुरूप है।
नए भवन का उद्घाटन होने के साथ ही भारत में ‘डिजिटल संसद’ का भी शुभारम्भ होने जा रहा है। लोकसभा सचिवालय की महत्वाकांक्षी योजना संसद को अपनी तरह का ऐसा डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाने की है जहां सांसद न केवल आसानी से सभी संसदीय रिकॉर्डस हासिल कर सकें बल्कि उन्हें ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिए संसद की कार्यवाही की प्रतिलिपि संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भाषाओं में तत्काल मिल सके।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की पहली सरकार 26 मई 2014 में बनी थी, जबकि दूसरा कार्यकाल 30 मई 2019 को शुरू हुआ था। एनडीए सरकार अपनी नौवीं वर्षगांठ का उत्सव 29 मई से शुरू कर रही हैं। अटकलें हैं कि प्रधानमंत्री इसी दौरान पार्लियामेन्ट की नई बिल्डिंग का उद्घाटन कर सकते हैं।
भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। संसद को लोकतंत्र के मंदिर की संज्ञा दी जाती है। भारत की संसद ‘वन नेशन, वन एप्लीकेशन’ पहल का नेतृत्व कर रही है। ‘वन नेशन, वन एप्लीकेशन’ प्लेटफार्म का उद्देश्य सांसदों को पोर्टल के ‘नॉलेज मैनेजमेंट सिस्टम’ के जरिए संसदीय कार्यवाही के सभी स्रोतों तक त्वरित पहुंच की अनुमति देना है जबकि सचिवालय सूचनाओं का ऑनलाइन प्रसार करेगा। पोर्टल मंत्रालयों और संसद के बीच शुरू से आखिर तक डिजिटल संचार की सुविधा प्रदान करेगा।
भारत की संसद ने सांसदों के कार्यों में ज्यादा दक्षता लाने के उद्देश्य से और अपने संसदीय क्षेत्र से जुड़ने मामले में काफी पहले ही सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) के उपयोग के औचित्य को साबित किया था। भारत की संसद ने दोनों सदनों के अपने कामकाज में अधिक दक्षता, पारदर्शिता और पहुंच सुलभ कराने के लिए आईसीटी को व्यापक रूप से अपनाया है ताकि उसका लाभ उसके सदस्यों, सचिवालय और नागरिकों को मिल सके।
संसद के नए भवन की पृष्ठभूमि में, जिसे भविष्य की दृष्टि से डिजाइन किया गया है और जो नए युग की आकांक्षाओं को पूरा करेगा, ऐसे में जरूरी है कि आईसीटी सिस्टम और एप्लीकेशन्स प्रभावी हों ताकि वह इस शीर्षस्थ संस्था को “स्मार्ट पार्लियामेन्ट” में बदलने के लक्ष्य को हासिल कर सके और नया आईटी सिस्टम विधायी प्रक्रिया का पूरी तरह तरह डिजिटलाइजेशन करने के दृष्टिकोण को हासिल करेगा। ऐसा किया जाना विश्वस्तर के ढांचागत विकास के लिए जरूरी है।
यह ऐसी कार्यक्षमताओं का विकास सुनिश्चित करेगा जो ‘डिवाइस-एग्नोस्टिक’ है। ऐसे इंटीग्रेटेड प्लेटफार्म और डेटाबेस के विकास की जरूरत होगी जहां सभी पक्ष- संसद के सदस्य, विभिन्न समितियां, राजनीतिक दल, नागरिक, सचिवालय और विभिन्न सरकारी मंत्रालयों/विभाग एक ही मंच पर आ सकें, जो यूजर फ्रेंडली हो, निर्बाध और कुशल संचालन में लाभकारी हो। डिजिटल इंडिया के आदर्श वाक्य के अनुरूप होते हुए कागज का कम से कम उपयोग हो।
संसद सिर्फ एक क्लिक पर
लोकसभा ने जनवरी 2022 में ‘डिजिटल संसद ऐप’ नाम से मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च किया था जिससे नागरिक सदन की लाइव कार्यवाही देख सकते हैं। यह ऐप न केवल केवल सांसदों तक ही संसदीय कार्यवाही को समेट कर रखता है बल्कि देश की जनता तक भी इसकी पहुंच है। डिजिटल संसद ऐप संसद टीवी की लाइव टेलीकॉस्ट के साथ-साथ ऐतिहासिक संसदीय दस्तावेजों को भी दिखाता है। डिजिटल संसद मोबाइल ऐप की लोकप्रियता बहुत है जहां एंड्रॉइड प्लेटफॉर्म पर 50 हजार से अधिक डाउनलोड हैं। लोकसभा के माननीय अध्यक्ष के निर्देशन में ‘डिजिटल संसद’ मोबाइल ऐप विकसित किया गया था जो सभी संसद सदस्यों, जनता, शिक्षाविदों, पत्रकारों, शोधकर्ताओं आदि को अपने मोबाइल पर संसदीय कागजात/संसदीय कार्यवाही देखने में सक्षम बनाने वाला है। यह ऐप एंड्रॉइड और आईओएस दोनों ही मोबाइल प्लेटफार्म पर काम करने में सक्षम है।