कोटा, 15 अक्टूबर । एक समय राजस्थान का कोटा शहर औद्वोगिक नगरी से ख्यात था अब कोंचिग और कोंचिग स्टूडेंट द्वारा आत्महत्या करने से चर्चा में है ।
कोटा में कल एक ओर कोचिंग स्टूडेंट ने छत से कूद कर आत्महत्या कर ली । दर्दनाक पहलू आत्महत्या तो है ही साथ ही सबसे बडा दर्दनाक विचारणीय पहलू यह है कि उसने अपनी मॉ के सामने ही कूद कर आत्महत्या की ।आखिर ऐसा क्या पढाई को लेकर तनाव जिसकी वजह से बेटे ने अपनी मॉ के सामने ही ईहलीला समाप्त करने के लिए यह कदम उठाया ।
घटना है कोटा के जवाहरनगर थाना इलाके की जहां कोलकात्ता से आकर यहां कोचिंग ले रहे स्वर्णा ने जिसकी उम्र 17 साल बतायी जा रहीं है नौवीं मंजिल से छलांग लगा दी । कोचिंग स्टूडेंट को अस्पताल ले जाया गया । डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया ।पुलिस मामले की जांच कर रही है ।
कोटा में लगातार कोचिंग स्टूडेंट द्वारा आत्महत्या करने की घटनाओं को देखते हुए कुछ साल पहले जिला प्रशासन ने कमेटी गठित की ।कोचिंग संस्थानों को स्टूंडेट को तनाव मुक्त रखने के लिए ध्यान योग समेत कई बिन्दूओं को फोलो करने के निर्देश दिए थे लेकिन यह निर्देश हवा हो गए ।कोचिंग संस्थानों को तो बच्चों से होने वाली मोटी कमाई से मतलब है ……… जिला प्रशासन अब तो सचेत हो जाए
कोटा खूबसूरत तो हो रहा है ,होना भी चाहिए ।कोटा जिला प्रशासन ,सरकार को कोचिंग स्टूडेंट तनाव को कम कर उनके भविष्य को भी खुबसूरत बनाने पर ध्यान दे ,ताकि इस तरह के हादसों पर अंकुश लग सके । कोचिंग लेने के लिए हजारों किलोमीटर का सफर तय कर कोटा आने वाले किशोर वर्ग पर पढाई से होने वाले तनाव को दूर करने के प्रयास पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए जिससे फिर किसी का भाई या बहन जुदा नहीं हो ।