तेंदुआ के शिकार में वन अधिकारियों की मिलीभगत: जाजू

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भीलवाडा, 29 अप्रैल । वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो के पूर्व विशेष अधिकारी एवं पीपल फॉर एनिमल्स के प्रदेश प्रभारी बाबूलाल जाजू ने मेवाड़ के जंगलों में शिकारियों के समूह द्वारा 40 से अधिक तेंदुए का शिकार कर उनकी खाले बेचने के मामले में एटीएस और एसओजी से जांच कराने की मांग की है।

जाजू ने आशंका जाहिर की है कि तेंदुआ के शिकारियों के तार निश्चित रूप से अंतर्राष्ट्रीय वन्यजीव तस्करों से जुड़े हुए हैं। जाजू ने कहा कि विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत के बिना तेंदुए का शिकार संभव नहीं है, यदि मामले की गंभीरता से जांच कराई जाती है तो निश्चित रूप से और भी तस्करी के मामले सामने आएंगे।

जाजू ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से एटीएस और एसओजी सेे इस मामले की जांच करवाने की मांग करते हुए कहा कि घटना के दौरान पदस्थापित संबंधित वन अधिकारी को तुरंत प्रभाव से निलम्बित किया जाये ।

जाजू ने कहा कि तेंदुए के शिकारियों को एटीएस और एसओजी ने पकड़ा है तो जांच भी इन्हें से कराई जानी चाहिए क्योंकि वन विभाग के अधिकारियों से जांच करवाने से मिलीभगत की संभावना है। पूर्व में भी पैंथर के नाखून पकड़े गए थे जिसे भी वाइल्डलाइफ क्राईम कंट्रोल ब्यूरो के कार्मिकों ने पकड़ा था।
उल्लेखनीय है कि आए दिन वन्यजीवों के शरीर के अंगों नाखून खाल इत्यादि बेचने की घटनाएं सामने आ रही है बावजूद उसके वन विभाग द्वारा शिकारियों के विरुद्ध कोई ठोस कदम नहीं उठाना मिलीभगत दर्शाता है।