गांधी शांति एवं अहिंसा निदेशालय बनेगा विभाग :CM

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Jaipur जयपुर, 1 अगस्त। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महात्मा गांधी शांति एवं अहिंसा निदेशालय को एक विभाग के रूप में स्थापित करने की घोषणा की।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में महात्मा गांधी के सिद्धांत, आदर्श एवं दर्शन की पहले से ज्यादा आवश्यकता है। गांधीजी के जीवन दर्शन को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से इस विभाग की स्थापना की जाएगी।

गहलोत सोमवार को जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में ‘बजट का लाभ आमजन तक पहुंचाने के लिए आयोजित कार्यशाला’ को संबोधित कर रहे थे।

गहलोत ने कहा कि आज देश एवं प्रदेश में काफी हिंसात्मक घटनाएं देखी जा रही हैं। इन घटनाओं को रोकने तथा शांति, सद्भाव एवं भाईचारा कायम करने के लिए गांधीजी के सिद्धांतों की आवश्यकता है। कुछ वर्षों पहले प्रदेश में हुई लिंचिंग की घटनाओं पर प्रधानमंत्री ने निंदा करते हुए कहा था कि ऐसे लोग असामाजिक तत्व होते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपील करते हुए कहा कि वर्तमान में देश में व्याप्त तनाव के माहौल को देखते हुए सद्भाव एवं भाईचारे का संदेश देने की जरूरत है।

गहलोत ने कहा कि समाज के वंचित तबके के लिए काम करने तथा उनकी जमीनी जरूरतों को समझने में सिविल सोसाइटी व स्वयंसेवी संगठनों की अहम भूमिका है। सरकार द्वारा लोक कल्याण के लिए बनाई योजनाओं को कारगर तथा उपयोगी बनाने में इन संगठनों का महत्वपूर्ण योगदान रहता है। सिविल सोसाइटी सरकार को आत्मावलोकन करने में भी सहायता करती हैं तथा सरकार की योजनाओं, नीतियों और कार्यक्रमों की समीक्षा कर उन्हें और बेहतर बनाने में सहयोग करती हैं।

उन्होंने कहा कि सिविल सोसाइटी के सुझावों के बाद ही देश में आरटीआई, आरटीई, मनरेगा, खाद्य सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। लोकतंत्र में सिविल सोसाइटी का अपना महत्व है, इसको नकारने वाले लोगों का निश्चित रूप से लोेकतंत्र में विश्वास नहीं होता है।

सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती अरूणा रॉय ने कहा कि लोकतंत्र में सरकार चलाने वालों का जनता के साथ संवाद करना महत्वपूर्ण है। आज की कार्यशाला इसी बात को चरितार्थ करती है। देश में पहली बार सिविल सोसाइटी की भागीदारी के साथ बजट क्रियान्वयन पर चर्चा हुई है।

उन्होंने कहा कि सिविल सोसाइटी इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए जन-जन तक जनता के बजट को पहुंचाने में सरकार की सहायता करेगी। गांधी पीस फाउंडेशन के अध्यक्ष कुमार प्रशांत ने कहा कि यह कार्यशाला राजस्थान के लिए एक ‘वाटरशेड मूमेंट’ है। सत्ता और जनता के बीच संवाद इसी तरह चलता रहना चाहिए।