कुरूक्षेत्र :हरियाणा:10 जनवरी । भारत जोडो यात्रा पर निकले कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से कल किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने मुलाकात कर किसानों की ऋण मुक्ति के लिए “खेत को पानी – फसल को दाम” हेतु न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी का कानून बनाने पर चर्चा की ।
जाट ने राहुल गांधी से चर्चा में कहा कि कृषि संबंधी कानून बनाने की अधिकारिता भारतीय संविधान में राज्यों को सौंपी हुई है। राज्यों द्वारा भी इस प्रकार के कानून बनाने जा सकते हैं।
उन्होने कहा कि कृषि सुधारों के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा प्रारूपित आदर्श कृषि उपज एवं पशुपालन (सुविधा एवं संवर्धन) अधिनियम – 2017 के आधार पर कृषि उपजों के लिए घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलाऐ जा सकते हैं ।
इस दिशा में किसी राज्य में 40% से अधिक उत्पाद विशेष के लिए परीक्षण के तौर पर कानून बनाया जा सकता है। यथा- राजस्थान में जौं 65% ,मूंग 48% सरसों 49%, एवं बाजरा 45% उत्पादित उपजों के लिए राजस्थान कृषि उपज अधिनियम -1961 एवं नियम -1963 में संशोधन कर घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलाना सम्भव है।
किसान नेता ने कहा कि विधानसभाओं या राज्यसभा द्वारा संकल्प पारित होने पर संसद द्वारा भी जनहित के लिए ऐसे कानून बनाए जा सकतें हैं।खेत को पानी की दिशा में सिंचाई योजनाओं के लिए बजट में अपेक्षित राशि का आवंटन कर पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना जैसी योजनाओं को मूर्तरूप देने पर भी चर्चा हुई।
“खेत को पानी – फ़सल को दाम” के सन्दर्भ में रामपाल जाट द्वारा लिखित पुस्तकें -कौन देगा ? न्यूनतम समर्थन मूल्य ,पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) का “सच”,सत्याग्रह एवं समस्याओं से समाधान की ओर, के साथ ही खेती – किसानी का प्रतीक चिन्ह जूड़ी लगा हल भी भेंट किया।
उल्लेखनीय है कि भारत जोड़ो यात्रा के नायक राहुल गांधी की और से सम्वाद हेतु किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट को फ़ोन से सूचना के उपरांत 17 दिसम्बर को ई-मेल द्वारा पत्र भेज कर आमंत्रित किया गया था। किसान महापंचायत युवा प्रदेशाध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद चौधरी ,जो वार्ता तक मौजूद रहे।