जयपुर, 12 नवम्बर । भारतीय रेलवे बुलट ,वन्दे मातरमं सहित तेज गति से चलने वाली ट्रेनों के चालक का चयन करने के लिए विशेष कवायद कर रही है । रेलवे 170 किलोमीटर प्रति घंटे या इससे तेज रफतार से दौडने वाली चालक के चयन की प्रक्रियाधीन है । रेलवे मानसिक रूप से स्वस्थ्य , शांत स्वभाव ,प्रखर और तेज स्वभाव वाले चालक का चयन के लिए विशेष उपाय कर रही है ।इसी के तहत भारतीय रेलवे के देशभर में तैनात मानसिक रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों की दो दिवसीय काफ्रेंस आज से जयपुर में शुरू हुई है ।
उत्तर पश्चिम रेलवे के प्रिसिपल मुख्य चिकित्सा निदेशक डा प्रशांत कुमार के अनुसार भरतीय रेलवे के दिनोदिन प्रगति करने के साथ ही ट्रेनों की रफतार बढी है । विशेष तौर से बुलट और वन्दे मातरम सहित अन्य ट्रेने जिसकी रफतार सामान्य ट्रेनों से कई गुना अधिक हेै ,उनके ड्राइवरों को मानसिंक रूप से शांत स्वभाव और संतुलित होना जरूरी है ।
पूर्व में इतनी अधिक रफतार की ट्रेने संचालित नहीं होती है लेकिन अब बदले हुए दौर में ट्रेनों की रफतार काफी अधिक बढ जाने के कारण चालक को विशेष रूप से तैयार किया जा रहा है ।सम्मेलन के माध्यम से रेलवे अच्छे चालकों का चयन किया जाएगा जिन्हे तेज रफतार वाली ट्रेनों की कमान सौपी जाएगी ।
डा प्रशांत कुमार के अनुसार बुलट और वन्दे मातरम ट्रेनों की रफतार करीब 170 किलोमीटर प्रतिघंटे है ऐसी स्थिति मेंं ट्रेन चालकों की मानसिक स्थिति बहुत शांत होनी चाहिए और संतुलित होनी चाहिए।रेलवे के 177 साल के इतिहास में रेलवे के मानसिक रोग विशेषज्ञों की काफ्रेंस पहली बार आज जयपुर में शुरू हुई ।
उन्होने कहा कि एक मानिसक रूप से स्वस्थ्य, शांत और संतुलित चालको का चयन करने के लिए एक प्रकोष्ठ गठित किया गया हेै ।यह प्रकोष्ठ देश भर में से ऐसे चालको का चयन करेगा जिनको बाद में बुलट,वन्दे मातरम सहित अन्य ट्रेनों में तैनात किया जाएगा । रेलवे का उदेश्य है सुरक्षित यात्रा इसके लिए यह दो दिवसीय काफ्रेंस हो रही है ।दो दिवसीय काफ्रेंस में भारतीय रेलवे के 200 मानसिक रोग विशेषज्ञ भाग ले रहे है । काफ्रेंस का समापन कल रविवार को होगा ।