जयपुर, 6 फरवरी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पुलिस विभाग में अनिवार्य एफआईआर, स्वागत कक्ष सहित अन्य किए गए नवाचार के कारण 156 (3) के केसों, अनुसंधान समय और महिला अत्याचारों के मामलों में कमी आई है।
उन्होंने कहा कि उदयपुर, सीकर, जयपुर के विभिन्न घटनाक्रमों में त्वरित प्रभावी कार्रवाई कर अपराधियों पर शिकंजा कसा गया है। राज्य में पुलिस का इकबाल बुलंद रहे, इसके लिए अपराध नियंत्रण और आमजन में पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ाने के हरसंभव प्रयास करें।
गहलोत सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से पुलिस महानिरीक्षकों एवं जिला पुलिस अधीक्षकों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में संगठित अपराधों के खिलाफ विशेष अभियान आक्रामक रूप से जारी रखें। सोशल मीडिया पर गैंगस्टर और अपराधियों को फोलो एवं समर्थन करने वालों, आश्रय और वित्तीय सहायता प्रदान करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने जेल में अपराधिक तत्वों के माध्यम से संचालित सक्रिय गिरोहों के खिलाफ विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि साम्प्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने वाली कोई भी घटना किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में प्रदेश में धमकी देकर अवैध वसूली के प्रकरण सामने आए हैं। ऐसी घटनाओं में अभियुक्तों के विरूद्ध शीघ्र एवं ठोस कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि विदेश में रहकर वारदातों को अंजाम देने वाले अपराधियों के विरूद्ध भी केन्द्र सरकार के माध्यम से कार्रवाई की जाए। ऐसे आपराधिक गिरोहों को खत्म करना हमारा प्राथमिक उद्देश्य होना चाहिए। युवाओं में मादक पदार्थ सेवन चिंताजनक है। इसकी प्रभावी रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान चलाएं और अभिभावकों से संवाद करें।