जयपुर, 9 नवम्बर। राजस्थान आवासन मण्डल के आयुक्त पवन अरोडा ने कहा कि लोक कलाएं जीवन में बदलाव का सशक्त माध्यम है। उन्होंने कहा कि आर्ट वर्क को जिन्दा रखने के लिये जरूरी है कि कलाकारों को उचित मंच और आर्थिक संरक्षण मिले तभी कला का संरक्षण हो सकेगा। इसके लिये सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है।
अरोडा बुधवार शाम को जवाहर कला केन्द्र के शिल्पग्राम में राजस्थान यूनिवर्सिटी और प्रतिभा एजूकेशनल सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 6ठे जयपुर कला महोत्सव के समापन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि पेंटिंग्स आत्मिक आनंद की अनुभूति करवाती हैं। कलाकार अपने दैनिक अनुभवों को अपनी रचनाधर्मिता से उकेरते है। उन्होंने कहा कि जयपुर के साथसाथ प्रदेश के अन्य शहरों को भी आर्टवर्क का हब बनाने के लिये कलाकारों एवं कला प्रेमियों को प्रदर्शनी, संगोष्ठियों, सेमीनार आदि के माध्यम से प्रयास करने चाहिएं।
आवासन आयुक्त ने कहा कि आर्टिस्ट अपना शत प्रतिशत योगदान तभी दे पाएंगे जबकि उनकी पेंटिंग्स एवं कलाकृतियों को कद्रदान मिलेंगे और यह विधा फाइनेंशियल वाइबल होगी। जब तक कलाकारों द्वारा बनाई गई पेंटिंग्स को सही मंच नहीं मिलेगा, वह अधिक से अधिक लोगों तक नहीं पहुचेंगी, तब तक आर्ट का उद्देश्य भी पूरा नहीं होगा।
इस मौके पर आवासन आयुक्त ने 5 दिवसीय इस महोत्सव के दौरान आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता कलाकारों को संस्था की ओर से पुरस्कृत किया।
महोत्सव के मुख्य संयोजन राकेश गुप्ता और राजस्थान यूनिवर्सिटी के ललित कला संकाय के विभागाध्यक्ष श्री रजत पंडेल ने बताया कि महोत्सव के दौरान देश के विभिन्न राज्यों के कलाकारों ने पेंटिंग्स, स्कलपचर, पेपरमेशी, पोट्री, फोटोग्राफी, वुडक्राफ्ट, मेटलक्राफ्ट सहित विविध क्षेत्रों से जुडी कलाओं में अपने हुनर का प्रदर्शन किया। इस अवसर पर कला समीक्षक सर्वेश भट्ट भी मौजूद थे।