Ajmer अजमेर , 29 दिसम्बर । “राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर”और अजमेर की सुपरिचित साहित्यिक संस्था “शब्द सागर” के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी तथा साहित्यिक समारोह का आयोजन अजयमेरू प्रेस क्लब, वैशाली नगर, अजमेर में किया गया ।
भव्य साहित्य महोत्सव में राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर के सचिव डॉ बसन्त सिंह सोलंकी , देशभर में पाती मुहिम के सूत्रधार डॉ सूरज सिंह नेगी, डॉ मीना सिरोला , पद्मश्री डॉ सी पी देवल,मशहूर ग़ज़लकार गोपाल गर्ग, डॉ नवल किशोर भाभड़ा, डॉ कमला गोकलानी, डॉ अखिल पालरिया, उमेश चौरसिया,नई देहली से डाॅ उमाशंकर चौधरी, डॉ ज्योति चावला, डॉ बृजेश माथुर, डॉ रजत माथुर,डॉ के के शर्मा, देवदत्त शर्मा
शशि सक्सेना, गोविन्द भारद्वाज, पुष्पा शर्मा कुसुम, रंजना माथुर, मंजु माथुर, अंजू अग्रवाल भंवर सिंह देवगांव, शिवराज कुर्मी, रोहित माथुर, प्रदीप गुप्ता, कल्पना शर्मा,खुशबू माथुर, डॉ चेतना उपाध्याय, सुमन शर्मा, डॉ विनीता अशित जैन, शोभित माथुर आर सी बघेरवाल, बनवारी लाल शर्मा, भंवरी देवी, लता शर्मा, सोनू सिंघल सहित देशभर के विभिन्न राज्यों की नामचीन साहित्यिक विभूतियों और साहित्य सृजकों के साथ ही सम्पूर्ण राजस्थान के प्रमुख कविगणों ने कार्यक्रम में शिरकत की ।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ सूरज सिंह नेगी और पद्मश्री डॉ सी पी देवल और अतिथि वक्ता डॉ उमाशंकर चौधरी व डाॅ ज्योति चावला थे। ” शब्द सागर साहित्यिक संस्था” की अध्यक्षा श्रीमती रंजना माथुर ने यह जानकारी देते हुए बताया कि माँ शारदे को माल्यार्पण पूजन के पश्चात् खुशबू माथुर ने सरस्वती वंदना की। एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में चार सत्र हुए। कार्यक्रम की व्यवस्था का दायित्व संस्था के संरक्षक सुबोध कुमार माथुर ने उठाया।
उद्घाटन सत्र में शब्द सागर की वरिष्ठ सदस्या पुष्पा शर्मा कुसुम की पुस्तक “छूना आसमान को” का विमोचन किया गया । द्वितीय सत्र में पत्र लेखन विधा विषय – “विलुप्ति की कगार से उठकर पुनः स्मृति पटल पर” पर डॉ सूरज सिंह नेगी का उद्बोधन एवं तृतीय सत्र काव्य विधा पर आधारित होगा जिसका विषय “राजस्थान की हिन्दी कविता” में पद्मश्री डॉ सी पी देवल का उद्बोधन से श्रोताओं ने लाभ उठाया । तीसरे सत्र में एक विशाल काव्य संगोष्ठी आयोजित की गई जिसमें नई दिल्ली, अजमेर ,जयपुर,सवाईमाधोपुर, टोडारायसिंह, केकड़ी, सीकर, ब्यावर आदि नगरों के गणमान्य कवि शरीक हुए । मंच संचालन डॉ विनीता अशित जैन, गोविन्द भारद्वाज,सुश्री लता शर्मा,प्रदीप गुप्ता एवं सुश्री सुमन शर्मा ने किया।
हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार तथा सर्वतोमुखी विकास एवं लुप्तप्राय हो रही हमारी पत्र लेखन की प्यारी विधा को पुनर्जीवित करने के प्रयास में प्रतियोगिता छात्र वर्ग के लिए तथा सामान्य रचनाकारों के लिए शब्द सागर साहित्यिक संस्था अजमेर के द्वारा दो प्रतियोगिताएँ आयोजित की गई थीं जिसमें बालक वर्ग के लिए पत्र लेखन विषय – “नौनिहालों की चिट्ठी भारत माता को” तथा युवा व सामान्य रचनाकारों के लिए एक काव्य प्रतियोगिता विषय – “तू है शक्ति स्वरूपा” पर आयोजित की गई थी जिसके बालक श्रेणी में -प्रथम- प्रखर सोमानी ,द्वितीय-अच्युतम तिवाड़ी और तृतीय-प्रशंसा जैन रही । प्रोत्साहन में प्रथम सानिया दूसरे स्थान पर अक्षित वर्मा रहे।
17 दिसम्बर को हुए आयोजन में सामान्य रचनाकारों की श्रेणी में-प्रथम- अंजू अग्रवाल ‘लखनवी’ ,द्वितीय – पुष्पा शर्मा कुसुम तृतीय-डॉ विनीता अशित जैन और प्रोत्साहन में प्रथम भंवरी देवी, दूसरे स्थान पर पुष्पा क्षेत्रपाल रहे। समारोह का मुख्याकर्षण बच्चों द्वारा लिखित पत्रों की प्रदर्शनी थी जो आगंतुक अतिथियों और सामान्य दर्शकों के अवलोकनार्थ लगाई गई थी जिसे दर्शकों ने बहुत पसंद किया।
दोनों वर्गों के पुरस्कार विजेताओं को ट्राफी और सम्मान पत्र से इस भव्य राष्ट्रीय साहित्यिक संगोष्ठी एवं साहित्योत्सव में सम्मानित किया गया। अंत में आभार प्रदर्शन व धन्यवाद ज्ञापन शब्द सागर संस्था के संरक्षक सुबोध कुमार माथुर द्वारा किया गया। राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर एवं शब्द सागर साहित्यिक संस्था अजमेर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित यह भव्यतम राष्ट्रीय संगोष्ठी बड़े ही हर्षोल्लास के साथ सानंद सम्पन्न हुई।