गीता जयंती,शुरू हुआ गीता कांटेस्ट

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जयपुर, 3 दिसम्बर । जगतपुरा स्थित श्री कृष्णा बलराम मंदिर में श्रीमद भगवद गीता की 5,159वीं गीता जयंती मनायी गयी। गीता जयंती श्रीमद भगवद गीता के आगमन का शुभ दिन है यह वह दिन है जिस दिन भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को वैदिक ज्ञान का सार प्रदान किया था और उन्हें जीवन के अंतिम लक्ष्य के बारे में बताया था , जिससे उन्होने महाभारत युद्ध में विजय प्राप्त की थी ।

गीता जयंती उत्सव पर मंदिर में गर्भगृह को विशेष रूप से सजाया गया, एवं भव्य श्रीमद भगवद गीता होम (यज्ञ) किया गया, साथ ही मंदिर के भक्तों द्वारा भगवद गीता के 18 अध्याय के 700 श्लोकों का सामूहिक उच्चारण किया गया । भगवद्गीता वितरण के लिए भक्तों ने मंदिर में चल रहे श्रील प्रभुपाद बुक मैराथन में भाग लिया एवं जन जन तक भगवत गीता पहुचने का लक्ष्य लिया ।

द्वापर युग अगहन मास शुक्ल पक्ष की एकादशी पर श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था । इसी वजह से इस तिथि को गीता जयंती के नाम से भी जाना जाता है। महाभारत में जब कौरव और पांडवों के बीच युद्ध की शुरुआत हो रही थी । तब अर्जुन ने श्री कृष्ण के सामने शस्त्र रख दिए थे और कहा था कि मैं अपने ही कुल के लोगों पर प्रहार नहीं कर सकता । इसके बाद श्री कृष्ण ने गीता का उपदेश दिया और अर्जुन को मानव जीवन का महत्व बताया था ।

अध्यक्ष अमितासन दास ने बताया श्रीमद्भागवत गीता के श्लोकों में मनुष्य जीवन की हर समस्या का हल छिपा है । गीता के 18 अध्याय और 700 गीता श्लोक में कर्म, धर्म, कर्मफल, मृत्यु आदि जीवन से जुड़े प्रश्नों के उत्तर मौजूद हैं । यह एकमात्र ऐसा ग्रंथ है जिसकी जयंती मनाई जाती है।

गीता कांटेस्ट कार्यक्रम समन्वयक सिद्ध स्वरूप दास ने बताया कि गीता कांटेस्ट का आयोजन हरे कृष्णा मूवमेंट एवं कृष्ण भावनामृत सेंटर (KBC) के सहयोग से राजस्थान स्तर पर किया जाएगा । इसमें 16 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोग भाग ले सकते हैं । गीता कांटेस्ट प्रतियोगिता का आयोजन 5 मार्च रविवार को किया जाएगा । प्रथम पुरस्कार गीता रत्न के रूप में रूपए25,000/- का, द्वितीय पुरस्कार गीता भूषण के रूप में 11,000/-रूपए का, तृतीय पुरस्कार गीता श्री के रूप में रूपए 5100/- का दिया जाएगा ।

उन्होने बताया कि इसके अलावा 50 सांत्वना पुरस्कार 1100/- भी दिए जाएंगे । प्रत्येक प्रतिभागी को प्रमाण पत्र दिया जाएगा । प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा । रजिस्ट्रेशन करवाने के उपरांत विद्यार्थी को भगवद्गीता यथारूप उपहार स्वरूप दिया जाएगा ।