जयपुर, 12 जून। उच्च अध्ययन के लिए असाधारण अवकाश लेने वाले चिकित्सा अधिकारी एवं चिकित्सक शिक्षकों को राज्य सरकार द्वारा बड़ी राहत दी गई है। उच्च अध्ययन के लिए स्वीकृत 3 वर्ष तक के असाधारण अवकाश की अवधि अब विभिन्न उद्देश्यों के लिए अर्हक सेवा मानी जाएगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस सम्बन्ध में प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है।
इसमें चिकित्सा अधिकारी एवं चिकित्सक शिक्षक, जिन्होंने प्रोबेशनर ट्रेनी अवधि पूर्ण करने के पश्चात उच्च अध्ययन के लिए समय-समय पर असाधारण अवकाश लिया है। ऐसे अवकाश की पूर्ण सेवाकाल में अधिकतम 3 वर्ष की अवधि काल्पनिक वेतन वृद्धि स्वीकृत करने हेतु अर्हक सेवा मानी जाएगी।
स्वीकृत असाधारण अवकाश में से पूर्ण सेवाकाल में 3 वर्ष की अवधि राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1996 के नियम-20 के प्रावधानों के अनुसार अर्हक सेवा मानी जाएगी। डायनामिक एश्योर्ड करियर प्रोग्रेस (डीएसीपी) के लिए सेवा में गणना योग्य होगी।
उल्लेखनीय है कि सुपर स्पेशलाइजेशन करने वाले चिकित्सकों को वर्तमान में स्वीकृत असाधारण अवकाश की अवधि सेवा में गणना योग्य नहीं होती है। इस कारण एम.डी./एम.सी.एच. करने वाले चिकित्सक अपने समकक्ष चिकित्सकों से कनिष्ठ हो जाते हैं। मुख्यमंत्री की इस स्वीकृति से अब ऐसे चिकित्सकों को राहत मिलेगी।