जयपुर, 31 जनवरी । आल राज. ट्रेड एंड इंडस्ट्री एसोसिएशन ( आरतिया) ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर राजस्थान में उच्च शिक्षा को रोजगारपरक बनाने के लिए सुधार एवं सलाहकार परिषद ( Higher education reform and advisory council) बनाने का सुझाव दिया है।
आरतिया के विष्णु भूत, आशीष सर्राफ, कमल कंदोई, प्रेम बियाणी, कैलाश शर्मा, रवि गोयल व सौरव शर्मा ने कहा है कि उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी पास-आउट युवाओं में नियोजन क्षमता और उद्यमिता बहुत कम देखने को मिलती है, इस स्थिति का निदान करना बहुत जरूरी है।
आरतिया ने लिखा है कि देश में 2021-21 तक 1113 विश्वविद्यालय और 43796 कालेज थे। देश में सबसे अधिक 92 विश्वविद्यालय राजस्थान में हैं और सबसे अधिक कालेजों (671) की संख्या के लिहाज से जयपुर देश में दूसरा बड़ा जिला है। देश में सवा चार करोड़ युवा उच्च शिक्षा मे एनरोल्ड हैं और प्रतिवर्ष 96 लाख से अधिक युवा पास आउट होकर कैरियर बनाने के लिए गतिशील होते हैं।
आरतिया ने लिखा है कि सरकारी क्षेत्र में नौकरियों के अवसर सिमट रहे हैं, ऐसे में निजी क्षेत्र में रोजगार व उद्यमिता ये दो विकल्प सामने होते हैं। इन दोनों विकल्पों के लिए जो सक्षमता चाहिए, उसका वर्तमान उच्च शिक्षा प्रणाली में अभाव है। उच्च शिक्षा के जरिये सक्षम जनशक्ति सिस्टम में आए, इसके लिए उच्च शिक्षा मे सतत गुणात्मक सुधार व व्यवहारिक बनाना आवश्यक है।
यह तभी संभव है जबकि इस बारे में एक परिषद नियमित होमवर्क करे और उच्च शिक्षण संस्थानों के पाठ्यक्रमों को दुरुस्त करे। आरतिया ने उदाहरण देकर बताया है कि जीएसटी सबसे प्रमुख कर प्रणाली है, लेकिन इसे आज तक विषय के रूप में शामिल नहीं किया गया है। इस तरह अनेक व्यवहारिक जानकारियां युवाओं को पढ़ाई के दौरान मिलती ही नहीं।
आरतिया का कहना है कि इस परिषद में उन प्रमुख उद्यमियों-कारोबारियों को शामिल किया जाए, जिनके पास इन्नोवेटिव सोच और क्रिएटिव एप्रोच हो।