दर्द सहना पड़ा काफी, मगर सह लिया।राहुल गांधी

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श्रीनगर:जम्मू एवं कश्मीर: 30 जनवरी । भारत जोडो यात्रा के समाप्ती के कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने बचपन में फुटबाल खेलते समय घुटने में इंजरी की वजह से आयी तकलीफ को लेकर परेशान हो गया और सोचने लगा क्या बाकी बची करीब साढे तीन हजार किलोमीटर की यात्रा पूरी कर पाउंगा । बावजूद मैने यात्रा पूरी की ।

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उन्होने कहा कि जब मैं छोटा था फुटबाल खेलता था और कॉलेज में जब मैं फुटबाल खेल रहा था, एक बार मुझे बहुत जोरों से घुटने में इंजरी हुई थी। मैं उसको भूल गया था। घुटने में दर्द नहीं होता था, भूल गया था उसको, दर्द गायब हो गया था, मगर कन्याकुमारी से 5-7 दिन बाद घुटने में प्रॉब्लम आई और जबरदस्त प्रॉब्लम आई, पूरा अहंकार उतर गया और मैं सोचने लगा कि क्या मैं ये जो 3,500 किलोमीटर हैं, क्या मैं इनको चल पाऊंगा या नहीं। तो जो मैंने सोचा था आसान काम होगा, वो काफी मुश्किल हो गया। मगर फिर मैंने किसी ना किसी तरीके से ये काम पूरा कर दिया।

उन्होने कहा बहुत कुछ सीखने को मिला, मैं आपको बोलूं तो दर्द सहना पड़ा काफी, मगर सह लिया। रास्ते में एक दिन मुझे दर्द हो रहा था, काफी दर्द हो रहा था और मैं सोच रहा था कि 6-7 घंटे और चलने हैं और उस दिन मुझे लग रहा था कि आज मुश्किल है और एक छोटी सी बच्ची आई। दौड़ती हुई आई मेरे पास और मुझे कहती है कि मैंने तुम्हारे लिए कुछ लिखा है। मगर तुम अभी मत पढ़ो, इसको बाद में पढ़ना और फिर वो मुझसे गले लगकर भाग गई। फिर मैंने सोचा अब पढ़ता हूं क्या लिखा है। तो उसने लिखा था कि मुझे दिख रहा है कि आपके घुटने में दर्द है, क्योंकि आप जब उस पैर पर वजन डालते हैं, तो आपके चेहरे पर दिखता है कि दर्द है।

उन्होने जम्मू कश्मीर में यात्रा को याद करते हुए कहा उनके बीच में चलूँगा और मैंने सोचा कि जो मुझसे नफ़रत करते हैं, उनको क्यों न मैं एक मौका दूँ कि मेरी सफेद शर्ट का रंग बदल दें, लाल कर दें। क्योंकि मेरे परिवार ने मुझे सिखाया है, गांधी जी ने मुझे सिखाया है कि अगर जीना है, तो डरे बिना जीना है, नहीं तो जीना नहीं है। तो मैंने मौका दिया, मैंने कहा कि मैं 4 दिन चलूँगा, बदल दो टी-शर्ट का रंग, लाल कर दो, देखा जाएगा, मगर जो मैंने सोचा था, वही हुआ। जम्मू-कश्मीर के लोगों ने मुझे हैंड ग्रेनेड नहीं दिया, अपने दिल खोलकर प्यार दिया,

उन्होने कहा यहाँ पर हम 4 दिन पैदल चले, मैं आपको गारंटी देकर कह सकता हूँ कि बीजेपी का कोई नेता ऐसे नहीं चल सकता और इसलिए नहीं क्योंकि जम्मू-कश्मीर के लोग उनको चलने नहीं देंगे, बल्कि इसलिए क्योंकि वो डरते हैं ।

राहुल गांधी ने कहा हमें बीजेपी ने एक जीने का तरीका, राजनैतिक तरीका दिखाया है, हमारी कोशिश है कि हम एक और तरीका जो हिन्‍दुस्‍तान का तरीका है, मोहब्‍बत का तरीका है वो हम देश को दिखाएं, हम देश को याद दिलाएं कि हिन्‍दुस्‍तान मो‍हब्‍बत का देश है, इज्‍जत का देश है, भाईचारे का देश है तो हमने जो कहा था, छोटा सा कदम लिया है, बड़ा कदम नहीं है। ‘नफ़रत के बाजार में मोहब्‍बत की दुकान’ खोलने की कोशिश की है।