जयपुर, 23 जुलाई ।केन्द्रीय कानून एवं न्याय राज्य मंत्री सत्य पाल बघेल ने आज कहा कि मीडिएशन एंड नेगोशिएशन का उपयोग भारत, द्वापरयुग से ही करता आ रहा है, और मीडिएशन बील के साथ ये लीगल हो जाएगा।
बघेल JECRC जेईसीआरसी विश्वविद्यालय के लॉ डिपार्टमेंटमें की ओर से मीडिएशन एंड नेगोशिएशन कम्पीटीशन कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे । उन्होने कहा कि हो मीडिएशन एंड नेगोशिएशन कम्पटीशन पूरे उत्तर भारत में पहली बार हो रहा है ओर इसमें 15+ राज्यों के लॉ डिपार्टमेंट के छात्रों ने हिस्सा लिया है। मीडिएशन एंड नेगोशिएशन कम्पटीशन में हिस्सा लिए छात्र मीडिएशन और नेगोशिएशन के प्रति कला कौशल विकसित करना है ताकि कोर्ट में लंबित मामलों की संख्या न बढ़े और कोर्ट के बाहर ही उसका समाधान मिल सके।
श्री सत्यपाल ने बताया की भारत संविधान में हम ब्रिटिश काल के कानून आईपीसी, सीपीसी का इस्तेमाल करते हैं,जिसमे नए संशोधन की आवश्कता है। उन्होंने हिंदी भाषा की प्राथमिकता बताते हुए कहा कि हमे हिंदी पखवाड़े के बजाए अंग्रेजी पखवाड़ा मनाना चाहिए।साथ ही हिंदी बोर्ड हो या अंग्रजी सभी केलिए “एक पाठ्यक्रम”लागू करने पर भी जोर डाला।
जेईसीआरसी के वाइस चेयरपर्सन, अर्पित अग्रवाल ने कहा कि उन्हें बहुत खुशी है जेइसीआरसी यूनिवर्सिटी के लॉ डिपार्टमेंट ने उत्तर भारत के पहले मीडिएशन एंड नेगोशिएशन सत्र का अयोजन कराया, जिससे लॉ के छात्रों को कोर्ट के बाहर कानूनी मामले सुलझाने की सीख मिलेगी।
यूनिवर्सिटी के डीन डॉ. महेश कूलवाल का कहना है की मीडिएशन एंड नेगोशिएशन का लक्षय लोगों को अवगत कराना है ताकि उन्हें अपने मामलों का समाधान मिल सके। मीडिएशन एंड नेगोशिएशन जैसे कार्येक्रम से छात्रों को प्रैक्टिकल अनुभव मिलता है जिसे वो ग्रेजुएट होने
के बाद एक बेहतर वकील बन सकते है।