जयपुर, 27 नवंबर। आपराधिक प्रक्रिया में पक्षकारान की मृत्यु से उपजी समस्याओं के समाधान के लिए एक स्थाई और ठोस विधिक नीति तय होनी चाहिए। ये कहना है राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस संदीप मेहता का।
मेहता रविवार को राजस्थान न्यायिक अकादमी के तत्वावधान में आयोजित जिला एवं सेशन न्यायालय जयपुर मेट्रो द्वितीय एवं जिला एवं सेशन न्यायालय जयपुर समूह के लिए तृतीय त्रेमासिक कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे थे।
जिला एवं सेशन न्यायाधीश मेट्रो द्वितीय ज्ञान प्रकाश गुप्ता ने बताया कि एडीआर भवन बनीपार्क में आयोजित कार्यशाला में सिविल एवं आपराधिक प्रक्रिया में पक्षकारान की मृत्यु से संबंधित प्रक्रियाओं, समस्याओं एवं समाधान पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि आज के परिप्रेक्ष्य में दोनों ही विषय प्रक्रियात्मक समस्याओं के समाधान के लिए महत्वपूर्ण है।
कार्यशाला में जयपुर जिला एवं सत्र न्यायाधीश हरेन्द्र सिंह ने अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। वहीं, कार्यशाला आयोजन समिति के अध्यक्ष एवं प्रभारी अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश जयपुर संख्या तृतीय श्री राजेश दडिया ने कार्यशाला के सफल आयोजन के लिए सभी का आभार जताया