“कोटा का दशहरा मेला” 128 साल पुराना:अनुराधा माथुर

Kota's -Dussehra -fair -is 128 -years -old- Anuradha- Mathur-udaipur-rajasthan-india

उदयपुर,18 फरवरी। मेवाड़ के महाराणा भूपाल सिंह की 139वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित पांच दिवसीय कार्यक्रम मेंं उदयपुर निवासी अनुराधा माथुर ने कोटा का दशहरा मेला पर शोध पत्र प्रस्तुत करते हुए कहा कि इसका इतिहास 128 साल पुराना है ।

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अनुराधा माथुर ने समारोह के तीसरे दिन पंडित जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ (डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय) के संघटक साहित्य संस्थान एवं लोकजन सेवा संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में प्रतापनगर स्थित आई. टी सभागार में ‘‘ राजस्थान की कला और संस्कृति ’’ विषय पर आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में इस शोध पत्र का वाचन किया ।

उन्होने कहा कि इस मेले का इतिहास 128 वर्ष पुराना है ,1892 ईस्वी में महाराव उम्मेद सिंह ने इस मेले का आरम्भ किया था| आज मैसूर (कर्णाटक ) एवं कुल्लू (हिमाचल) के बाद कोटा का दशहरा मेला विश्व प्रसद्धि अपनी आज भी बनाये हुए है ।माथुर ने अपने शोध पत्र में मेले के ऐतिहासिक ,सामाजिक ,आर्थिक एवं पर्यटन आदि महत्त्वपूर्ण पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी ।

संगोष्ठी की अद्यक्षता कोटा खुला विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ परमेन्द्र दशोरा ने की । तकनीकी सत्र की अद्यक्षता डॉ गिरीश नाथ माथुर एवं डॉ ललित पांडेय ने की। संगोष्ठी में पचास से अधिक शोध पत्रों का सफलतापूर्वक वाचन अन्य महाविद्यालयो से भाग लेने आये शोधर्थियो द्वारा किया गया ।धन्यवाद् लोकजन संस्था के अध्यक्ष प्रो विमल शर्मा ने दिया एवं सञ्चालन डॉ मनीष श्रीमाली ने किया ।