जयपुर 14 दिसंबर। जयपुर जिला प्रशासन द्वारा बुधवार को खोले के हनुमान जी मंदिर ‘रोप-वे‘ निर्माण के लिये फर्म को रोप-वे अधिनियम के तहत लाईसेन्स जारी किया गया। लाईसेन्स जारी होने से 85 मीटर ऊचाई वाले प्रदेश के पहले स्वचालित रोप-वे के निर्माण कार्यों में तेजी आयेगी तथा जल्द ही अन्नपूर्णा माता मंदिर से खोले के हनुमान मंदिर की पहाड़ी पर स्थित वैष्णों माता मंदिर तक पैसेन्जर रोप-वे की सौगात यात्रियों को मिल सकेंगी। जिला प्रशासन से लाइसेंस जारी होने के बाद रोप-वे बनने का काम त्वरित गति से आगे बढ़ेगा और जल्द ही जयपुर वासियों को रोप-वे की सौगात मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि जयपुर कलक्टर की पहल पर शहर के खोले के हनुमान जी मंदिर परिसर में प्रदेश का पहला स्वचालित और जयपुर का सबसे बड़ा पेसेंजर रोप-वे का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। रोप-वे का नाम अन्नपूर्णा माता रोप-वे होगा जो कि प्रदेश का पांचवां और जयपुर जिले का सामोद हनुमानजी रोप-वे के बाद दूसरा रोप-वे होगा। अन्नपूर्णा माता मंदिर से खोले के हनुमान मंदिर की पहाड़ी पर स्थित वैष्णोमाता मंदिर तक 436 मीटर लंबा रोप-वे बनाया जा रहा है। जोकि जयपुर का सबसे बड़ा रोप वे होगा। रोप-वे निर्माण के लिए फर्म और जयपुर जिला प्रशासन के बीच करार हुआ है जिसके बाद फर्म को रोप-वे अधिनियम के तहत लाइसेंस जारी किया जाएगा।
पांच टावरों पर संचालित किये जाने वाले रोपवे की उंचाई 85 मीटर होगी। 24 ट्रॉली वाले इस रोप वे की क्षमता 800 यात्री प्रति घंटा होगी। कलेक्टर ने निर्माता फर्म को 2 साल में रोप-वे निर्माण के निर्देश दिये हैं। कलक्टर ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा सबसे बड़ी प्राथमिकता है इसलिए रोप वे निर्माण में गुणवत्ता का खास ध्यान दिया जाए। निर्माण के दौरान और संचालन के शुरू होने के बाद भी जिला प्रशासन द्वारा रोप वे के सुरक्षा मापदंडों की नियमित रूप से जांच की जाएगी। रोप-वे के निर्माण में जयपुर की विरासत, शिल्पकला और वैभव की छटा देखने को मिलेगी।
कलक्टर ने कहा कि रोप-वे निर्माण करने वाली फर्म को 0 से 5 आयुवर्ग वाले बच्चों और 70 साल से अधिक उम्र वाले बुजुर्गों के साथ साथ दिव्यांगों को रोपवे के जरिये निःशुल्क सफर करवाने के लिए निर्देशित किया गया है। रोप-वे की एक तरफ का सफर करीब साढ़े 4 मिनट में पूरा होगा इस दौरान यात्रियों को जयपुर का विहंगम दृश्य दिखाने के लिए ट्रॉली को बीच सफर में दो बार रोका जाएगा।