जयपुर, 8 अक्टूबर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इन्वेस्ट राजस्थान समिट-2022 के तहत एमएसएमई कॉन्क्लेव के समापन पर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि ये मुद्दा बनाना बीजेपी के लिए महंगा पड़ेगा।
गहलोत ने भाजपा के वरिष्ठ विधायक राजेन्द्र राठौड द्वारा कॉन्क्लेव को लेकर की गई टिप्पणी को लेकर एक प्रश्न के जवाब में कहा कि जितना विरोध करेंगे उतना ही ये उनके लिए उलटा पड़ेगा । उन्होने कहा कि हर नौजवान कहेगा कि मुझे जो सुविधा मिल रही है, रोजगार के अवसर मिल रहे हैं, उनको आप क्यों बीच में संकट पैदा कर रहे हो?
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये कोई प्राइवेट प्रोग्राम तो है नहीं, ये तो इन्वेस्टर्स का है जो अभी जो 3 हजार लोग आए हैं, क्या 3 हजार लोग कांग्रेस के लोग हैं क्या ये लोग? इनमें कांग्रेस, बीजेपी कोई भी हो सकता है, तो ऐसी स्थिति में क्यों ये लोग अड़चन पैदा करना चाहते हैं?
गहलोत ने कहा कि राठौड के बयान को मैं कंडेम करता हूं । हमें गौतम अडानी हो या कोई भी हो, अंबानी हो, अडानी हो, अमित शाह के लड़के का नाम जय शाह है वो हो, हम सबका स्वागत करेंगे यहां पर, जो इंडस्ट्री के लोग हैं, हमें तो रोजगार चाहिए, इन्वेस्टमेंट चाहिए, ? गहलोत से मीडिया ने क्या सवाल किये जबाव क्या दिया, पढिये ज्यों का त्यों ….
सवाल- 2 दिन का ये आयोजन रहा, किस तरह देखते हैं, राजस्थान के लिहाज से कैसे देखते हैं इन्वेस्ट राजस्थान समिट को?
जवाब- देखिए मैंने कल भी कहा था कि ऐसे आयोजन कई राज्यों में होते हैं और कहीं 15 पर्सेंट, कहीं 20 पर्सेंट मुश्किल से आता है इन्वेस्टमेंट एक्चुअल इन्वेस्टमेंट, हमने इस बार जो नई पॉलिसी अडॉप्ट की है कि पहले ही एमओयू साइन कर लिए, वरना इवेंट के दौरान एमओयू साइन होते हैं, इवेंट के बाद में भी होने लग जाते हैं खाली आंकड़े बताने के लिए, जैसा पिछली सरकार में हुआ था। हम लोगों ने बाकायदा पहले ही लगभग 11 लाख करोड़ रुपए के हमने एमओयू-एलओआई जारी कर दिए या एग्रीमेंट कर लिए, अब मैं समझता हूं कि अगर जो माहौल बनाया गया है, जो माहौल बना है क्योंकि हमने कोरोना के बाद में जो स्टेप उठाए हैं, उससे इन्वेस्टर्स बहुत प्रभावित हैं, हमने कोरोना काल के अंदर भी उनको सुविधाएं दीं जिससे कि वो अपना उद्योग प्रोटोकॉल का पालन करते हुए कर सकें क्योंकि कोरोना काल में तो कर्फ्यू भी लगा हुआ था, सबकुछ था, कोरोना के बाद में एमनेस्टी स्कीम लाए हम लोग, इंटरेस्ट फ्री करने की बात हो, पैनल्टी फ्री करने की बात हो, बल्कि कई जगह तो प्रिंसिपल अमाउंट तक फ्री किया गया, ये तमाम तरह की स्कीमें जो लाए उसका भी इम्पैक्ट रहा है और जो माहौल वैसे भी हम लोगों ने क्रिएट किया हुआ है राजस्थान के अंदर, लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति अच्छी है यहां पर, लेबर अनरेस्ट नहीं दिखती है आपको, सरकार प्रो-एक्टिव होकर बुला रही है इन्वेस्टर्स को और जो सिंगल विंडो सिस्टम को अभी नया रूप दिया है हम लोगों ने, उसका भी असर है, तो पहले जो तकलीफ होती थी वो बहुत कम हुई,
CM ने कहा मैं नहीं कहता कि बिलकुल खत्म हो गई होगी, वो भी हम कोशिश कर रहे हैं कि और कैसे समाप्त हो, पर पहले जमाने में बहुत बदनामी होती थी राजस्थान की कि जाते हैं तो कोई परवाह करता ही नहीं है, वो स्थिति अब नहीं रही है, इन तमाम हालातों में मैं समझता हूं कि इन्वेस्टर्स आना चाहते हैं, इसीलिए आप देख रहे हैं कि आज की तारीख में भी दूसरे दिन भी आज अधिकांश लोग बैठे रहे थे, तो मैं समझता हूं कि, फिर रिफाइनरी पेट्रो-कैमिकल आ रहा है, वो बहुत बड़ा प्रोजेक्ट है, 383 स्क्वायर किलोमीटर पर जो डेवलप एरिया होगा और 383 स्क्वायर किलोमीटर का एरिया हमने जब आइडेंटिफाई किया है तो कुछ सोचकर किया होगा कि भई इतने ज्यादा इन्वेस्टर्स आएंगे, एमएसएमई की इकाइयां लगेंगी, प्लास्टिक आधारित लगेंगी, पॉलीमर आधारित लगेंगी, तो मैं समझता हूं कि टोटलिटी के अंदर एक माहौल राजस्थान में बनता जा रहा है, फिर तेल निकल चुका है राजस्थान के अंदर, हर सेक्टर के अंदर मैं समझता हूं कि बढ़ावा दिया जा रहा है इसलिए उम्मीद है कि इस बार, सोलर के अंदर बहुत लोग आ रहे हैं, हर क्षेत्र में लोग आ रहे हैं इन्वेस्टर्स और आने वाले वक्त में रोजगार भी बढ़ेंगे राजस्थान में,
मुख्यमंत्री ने कहा मेरा मानना है क्योंकि सरकार करीब सवा 3 लाख और 55 हजार के लगभग नौकरियां दे रही है, तो सरकार की एक सीमा होती है, ये भी एक रिकॉर्ड होगा मेरे ख्याल से कि 3 लाख 55 हजार नौकरियां देने का भी रिकॉर्ड होगा राजस्थान के अंदर, हो सकता है कि अगले बजट में हम लोग और कुछ संभावनाएं पता करेंगे कि और संभावनाएं हैं क्या? तो इतनी बड़ी संख्या में सरकारी नौकरियां लग जाएंगी, ये जो एस्टीमेट इसका है 11 लाख करोड़ रुपए के जो एमओयू हुए हैं, सब भी नहीं आएंगे मान लीजिए नहीं आएंगे, प्रयास करेंगे कि 50 पर्सेंट तक पहुंचें हम लोग प्रयास करेंगे, टार्गेट रखेंगे ज्यादा तक का रखेंगे पर 50 तक पहुंच जाएं बहुत बड़ी बात है, पूरा होता है तो करीब 9 लाख लोगों को रोजगार मिलता है इसमें, हो सकता है कि पूरा नहीं मिल पाए,
CM ने कहा पर हम तो कहना चाहेंगे कि जो सच्चाई है ये वही है कि इन्वेस्टमेंट पूरे आते नहीं हैं, कई अड़चनें आती हैं, कई इन्वेस्टर्स खुद बैकआउट हो जाते हैं, उनके तकलीफ हो जाती है या और कोई प्रॉब्लम हो गई, तो मैं ये कह सकता हूं और ये बहुत अच्छा रहा है, एमएसएमई को हमारा जो सरकार बनते ही हमने एक्ट बना दिया 2019 के अंदर ही, उसका अच्छा इम्पैक्ट है, इसीलिए आज एमएसएमई वाले सब बैठे रहे, ठीक है।