जयपुर,27 अक्टूबर । विख्यात गांधीवादी डॉ. सुब्बाराव की प्रथम पुण्यतिथि पर आयोजित राष्ट्रीय एकता व सद्भावना शिविर के दूसरे दिन आज 27 राज्यों से आए लगभग 500 से अधिक युवाओं ने उनके गीतों को गाकर, उनके नारों को दोहरा कर और उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प किया।
श्रद्धांजलि बतौर अपने उद्गार व्यक्त करते हुए प्रसिद्ध गांधीवादी एवं राष्ट्रीय एकता परिषद के अध्यक्ष राजगोपाल पी वी ने कहा कि आज सुब्बाराव के प्रति देशभर के युवाओं के भक्ति के भाव को देखकर मैं अभिभूत हूं, लेकिन इतना काफी नही है , हमें उन सब कामों को हर हाल में अंजाम तक पहुंचाना होगा जो सुब्बाराव छोड़कर गए है। राजगोपाल ने सुब्बाराव द्वारा किए गए कामों का उल्लेख करते हुए, युवाओं को उनसे प्रेरणा लेने का आह्वान किया।
उन्होंने इस बात पर खुशी जताई की कलतक हमें सिर्फ एक सुब्बाराव दिखाई पड़ते थे लेकिन आज जब वो हमारे बीच नहीं है तो हमें सुब्बाराव जी जैसे अनेक नौजवान दिखाई पड़ रहे है।
जलपुरुष रेमेन मैग्सेसे पुरस्कार विजेता राजेंद्र सिंह ने कहा कि सुब्बाराव महामानव थे लेकिन उनकी नजर में कोई भी छोटा नही था।वे अपने सानिध्य में आने वाले हरेक नौजवान को विशाल मानव बनने की प्रेरणा देते थे और उनसे बड़े से बड़ा काम करा लेते थे।
पूर्व महाधिवक्ता, राजस्थान सरकार गिरधारी सिंह बापना ने कहा कि सुब्बाराव सादगी पसंद व्यक्तित्व थे। अपने सुख और विलास के लिए उनकी अपनी कोई निजी आकांक्षा नही थी। वे सुख सुविधा को, सारे संसाधनों को ठुकराकर न्यूनतम सुविधाओं में ही जीवन गुजारते थे और युवाओं को राष्ट्र की एकता बनाए रखने का संदेश देते थे।अब उनके पदचिन्हों पर चलने की जरूरत है।
इस मौके पर इंडोनेशिया से आए गांधीवादी इन्दिरा उदीयाना, कुमार प्रशांत सहित सुब्बाराव के नेतृत्व में प्रशिक्षित देशभर के सैंकड़ों सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सुब्बाराव को श्रद्धांजलि देते हुए उनके साथ गुजारे गए समय के अनुभव और विभिन्न प्रेरणादाई प्रसंगों की चर्चा की। इस मौके पर शांति व अहिंसा विभाग राजस्थान सरकार के निदेशक मनीष शर्मा, महावीर विकलांग समिति जयपुर फुट के अध्यक्ष डी आर मेहता, जोरा के पूर्व विद्यायक महेश चंद्र मिश्रा, राष्ट्रीय युवा योजना की अध्यक्ष रजनी, हनुमान शर्मा, रणसिंह परमार,अमरनाथ भाई, महेश नाथ मिश्रा, प्रसून लतांत, संजय कुमार, हरी विश्वास आदि ने श्रद्धांजलि दी। दोपहर
12 बजे दो पल का मौन रखकर उनको श्रद्धांजलि दी गई।
सुब्बाराव की पहली पुण्यतिथि पर राजस्थान राज्य कृषि प्रबंध संस्थान, जयपुर के सभागार में आयोजित भावपूर्ण समारोह का संचालन नेशनल यूथ अवार्डी रामदयाल सैन ने किया और खुद भी सुब्बाराव के अनेक प्रेरणादाई प्रसंगों की चर्चा की।
शिविर के दूसरे दिन की शुरुआत युवा गीत, ध्वज वंदन के साथ जवाहर सर्किल व दुर्गापुरा गौशाला में विभिन्न प्रान्तों से आये युवाओं ने श्रमदान से स्वच्छता का संदेश दिया। श्रंद्धाजलि सभा के बाद जयपुर दुर्गापुरा आसपास क्षेत्र में सदभावना रैली निकाल राष्ट्रीय एकता व देश भक्ति से ओतप्रोत नारे लगाकर एकता व भाईचारे का संदेश दिया।