जयपुर, 18 ।मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि एनडीए सरकार और भाजपा के पास राष्ट्रपति पद का चुनाव सर्वसम्मति से करवाने का मौका था ।
गहलोत ने आज राष्ट्रपति पद के लिए आज हुए मतदान के दौरान विधान सभा परिसर में मीडिया से बातचीत कर रहे थे ।उन्होने कहा कि अगर एनडीए गवर्नमेंट और भारतीय जनता पार्टी चाहती, तो उनके सामने एक ऐसा मौका आया था 5 साल के बाद में कि वो विपक्ष को इन्वॉल्व करती, बातचीत करती और कोशिश करती कि राष्ट्रपति पद जैसे पद के लिए सर्वसम्मति से उम्मीदवार सामने आए, और बेहतर होता वो, पर जनरली ऐसा होता नहीं है।

गहलोत ने कहा कि एक बार को छोड़कर हमेशा, 15 बार लगातार चुनाव में, एक बार को छोड़कर हमेशा कोई न कोई सामने आए हैं, तो ज्यादा इसको बहस करने का विषय नहीं होना चाहिए। लड़ाई मैंने कहा कि विचारधारा के आधार पर है और उसी रूप में हमें इसको, उसी स्पिरिट में लेना चाहिए इसको।
गहलोत ने कहा कि चुनाव चाहे राष्ट्रपति के हों या उपराष्ट्रपति के हों, ये लोकतंत्र की खूबी है जो उत्साह आपको यहां नजर आ रहा है वो ही पूरे मुल्क के अंदर है, यही हमारी खूबी है और मैं समझता हूं कि नए राष्ट्रपति जल्द ही मिलने वाले हैं देश को, मेरी बहुत पहले एडवांस में ही बहुत ही बधाई एवं शुभकामनाएं रहेंगी।
मुख्यमंत्री ने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि जो मैंने कहा वो ही बात लागू होती है उपराष्ट्रपति के लिए भी, जो बातें मैंने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए कही हैं, वो ही बातें लागू हो रही हैं उपराष्ट्रपति पद के लिए भी, पर राजस्थान से वो उम्मीदवार बने हैं, जैसे एक बार भैरोंसिंह जी शेखावत साहब बने थे, तो नेचुरल है कि जिस राज्य का बनता है उम्मीदवार तो उस राज्य में वेलकम तो होता ही है, तो उस रूप में ही लेना चाहिए। एक राज्य का उम्मीदवार बना है, तो यहां के लोगों में भावना हो सकती है, पर जो वोटिंग होगा, उसका पैटर्न तो वो ही रहेगा जो विचारधारा की लड़ाई है, जो मैंने कहा आपको राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए, वो ही बात लागू रहेगी।
गहलोत ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि पहली बार आजादी के बाद में लोकसभा और राज्यसभा, दोनों के जो अध्यक्ष हैं या चेयरमैन हैं, वो दोनों राजस्थान से हैं, ये आप कह सकते हो, ये सुखद संयोग है।