राजस्थान में तैयार हो रही है नवीन खेल संस्कृति: मुख्यमंत्री

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भरतपुर, 15 सितंबर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य में खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ने के लिए अपार संभावनाएं हंै। राज्य सरकार प्रदेश में नए खेल स्टेडियम, संसाधनों और अन्य खेल सुविधाएं खिलाडि़यों को उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों के जरिए अभी प्रतिभाओं की खोज की जा रही है। आगे अनुभवी खेल प्रशिक्षकों से उच्च स्तरीय प्रशिक्षण दिलाना और सर्वश्रेष्ठ खेल माहौल तैयार करना हमारी जिम्मेदारी है। खेल और खिलाड़ी के लिए वित्त की कमी नहीं आने दी जाएगी। जिला स्तर पर खेल अकादमियां और छात्रावास भी बनाए जा रहे हैं।

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गहलोत गुरूवार को भरतपुर जिले के कुम्हेर के पला गांव में ब्लाॅक स्तरीय राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि खेलने की कोई उम्र नहीं होती है। इसलिए ग्रामीण ओलंपिक खेलों में आयु की कोई सीमा नहीं रखी गई है। मैदान में दादा-पोता भी खेल रहे हैं। इससे प्रदेश में नई खेल संस्कृति बन रही है। इन खेलों में आपसी भाईचारा और सामाजिक समरसता का माहौल बना है और यही क्षेत्र में चहुंमुखी विकास में अहम भूमिका निभाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम आश्वस्त हैं कि ग्रामीण ओलंपिक की प्रतिभाएं भविष्य में अंतर्राष्ट्रीय पदक विजेता बनकर परिवार, गांव और प्रदेश का नाम रोशन करेंगी। अब हर साल ग्रामीण ओलंपिक खेल होंगे और इनके बाद शहरी ओलंपिक खेल भी आयोजित कराए जाएंगे। उन्होंने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय पदक विजेताओं के लिए राज्य सरकार द्वारा सम्मान राशि कई गुना बढ़ाई गई है। सरकारी नौकरियों में 2 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करने के साथ 229 खिलाडि़यों को आउट-आॅफ-टर्न नियुक्तियां दी गई हैं। उन्होंने कहा कि खेल जगत में राजस्थान आगे बढ़े, इसके लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण ओलंपिक में 30 लाख खिलाडि़यों ने रजिस्ट्रेशन कराया। इनमें लगभग 10 लाख महिला खिलाड़ी हंै। यह संख्या प्रदेश में बालिका प्रोत्साहन की दिशा में ऐतिहासिक है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बालिका शिक्षा में अनुकरणीय पहल की गई है। अब जिस विद्यालय में 500 छात्राएं अध्यनरत हंै वहां पर छात्राओं के लिए महाविद्यालय खोला जाएगा। साथ ही, प्रदेश की 1.33 करोड़ परिवारों की महिला मुखियाओं को शीघ्र ही 3 साल की इंटरनेट सुविधा के साथ स्मार्टफोन दिया जाएगा, जिससे वे बातचीत करने के साथ सरकार की योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर लाभान्वित हो सकेंगी।

गहलोत ने कहा कि यहां पेयजल की सुचारू उपलब्धता के लिए 3106 करोड़ रूपये की धौलपुर-भरतपुर चंबल पेयजल परियोजना शुरू की जा रही है। एक दिन पहले ही इससे संबंधित स्वीकृति जारी की गई है। इससे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल समस्या से निजात मिलेगी। सिंचाई के लिए भी पानी मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गौवंश मंे फैल रही लम्पी स्किन डिजीज की रोकथाम के लिए राज्य सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। इसे कोरोना महामारी की तरह राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा है ताकि रोकथाम एवं बचाव के लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर प्रभावी प्रबंधन कर सकें। उन्होंने कहा कि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) 13 जिलों में पेयजल और सिंचाई के लिए महत्वपूर्ण है। हमनें इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित कराने के लिए केन्द्र को पत्र लिखे हैं। राज्य सरकार पूरी कोशिश कर रही है कि इसे दर्जा मिले और कार्य समय पर पूरा हो सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि निरोगी राजस्थान के लिए मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में 10 लाख रूपये तक का निःशुल्क इलाज और 5 लाख रूपये का दुर्घटना बीमा भी दिया जा रहा है। इससे आमजन को महंगे इलाज से राहत मिली है। वहीं, राज्य कर्मचारियों के लिए राजस्थान गवर्नमेंट हैल्थ स्कीम (आरजीएचएस) लागू की गई।

गहलोत ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना हमारा ध्येय है। प्रदेश के लगभग 1 करोड़ लोगों को पेंशन दी जा रही है। वहीं, राज्य कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम (ओपीएस) को लागू कर उन्हें भविष्य की चिंता से मुक्त कराया है।