गुलामी के एक बोझ को सीने से उतार दिया है :प्रधानमंत्री 

One- burden- of -slavery -has- been- lifted -from- the- chest: PM

कोचीन (केरल)2 सितंबर । प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज  वह ऐतिहासिक तारीख है, जब भारत ने गुलामी के एक निशान, गुलामी के एक बोझ को सीने से उतार दिया है।

प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने पहले स्वदेशी विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत को राष्ट्र की सेवा में समर्पित किया। इस कार्यक्रम के दौरान औपनिवेशिक अतीत से अलग तथा समृद्ध भारतीय सामुद्रिक विरासत के अनुरूप प्रधानमंत्री ने नौसेना के नये ध्वज (निशान) का भी अनावरण किया

मोदी ने कहा कि आज से भारतीय नौसेना को एक नया ध्वज मिला है। उन्होंने कहा कि अब तक भारतीय नौसेना के ध्वज पर गुलामी की पहचान बनी हुई थी, लेकिन अब आज से छत्रपति शिवाजी से प्रेरित, नौसेना का नया ध्वज समंदर और आसमान में लहरायेगा।

आईएनएस विक्रांत का डिजाइन भारतीय नौसेना की अपनी संस्था वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो ने तैयार किया है तथा इसका निर्माण पत्तनपोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के अधीन सार्वजनिक क्षेत्र की शिपयार्ड कंपनीकोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने किया है। विक्रांत का निर्माण अत्याधुनिक स्वचालित विशेषताओं से लैस है और वह भारत के सामुद्रिक इतिहास में अब तक का सबसे विशाल निर्मित पोत है।

स्वदेशी वायुयान वाहक का नाम उसके विख्यात पूर्ववर्ती और भारत के पहले विमान वाहक पोत के नाम पर रखा गया हैजिसने 1971 के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यह पोत तमाम स्वदेशी उपकरणों और यंत्रों से लैस हैजिनके निर्माण में देश के प्रमुख औद्योगिक घराने तथा 100 से अधिक सूक्ष्मलघु और मध्यम उद्यम संलग्न थे। विक्रांत के लोकार्पण के साथ भारत के पास दो सक्रिय विमान वाहक पोत हो जायेंगेजिनसे देश की समुद्री सुरक्षा को बहुत बल मिलेगा।