मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंजिल मगर,लोग मिलते गए कारवां बनता गया…किसी मशहूर शायर का यह शेर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोडो यात्रा पर सटीक चरितार्थ हो रहा है। कन्याकुमारी से कश्मीर तक की भारत जोडो यात्रा में अपार जन सैलाब उमड रहा है। भारत जोडो यात्रा से ना केवल कांग्रेस कर्ताओं में नई स्फूति आई है,साथ ही भारत जोडो यात्रा से देश की एकता और अखंडता को भी नया संबल मिल रहा है।
बीते करीब एक सप्ताह में राजस्थान में भी भारत जोडो यात्रा में कांग्रेस के कार्यकर्ता से लेकर हर आम और खास ने भाग लिया है। इससे भारत जोडो यात्रा में जन सहभागिता के नए कीर्तिमान रचे हैं। देश को एकता और अखंडता के सूत्र में पिरोने के संकल्प को लेकर कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री मुथुवेल करुणानिधि स्टालिन द्वारा 7 सितंबर 2022 को कन्याकुमारी से शुरू किया गया था। भारत जोडो यात्रा को मूल्य वृद्धि, बेरोजगारी, राजनीतिक केंद्रीकरण और विशेष रूप से “भय, कट्टरता” की राजनीति और “नफरत” के खिलाफ लड़ने के लिए शुरू किया गया है।
कांग्रेस के नजरिए से एक प्रकार से देखा जाए तो, भारत जोड़ो यात्रा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा शुरू किया गया एक जन आंदोलन है जिसका उद्देश्य नई दिल्ली में भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की कथित विभाजनकारी राजनीति के खिलाफ देश को एकजुट करना है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अगुवाई वाली भारत जोडो यात्रा के कई राज्यों से गुजरी है तथा वहां यात्रा को अपार जन समर्थन मिलना इस बात का प्रमाण है कि अब तक भारत जोडो यात्रा अपने उदेश्य में काफी हद तक सफल रही है।
करीब एक सप्ताह पूर्व ही मरुधरा में प्रवेश करने वाली भारत जोड़ो यात्रा प्रदेश के सात जिलों से गुजर रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दिसंबर के पहले सप्ताह में यात्रा के साथ झालावाड़ की झालरापाटन विधानसभा क्षेत्र से राज्य में प्रवेश किया। इसके बाद कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, दौसा और अलवर के मालाखेड़ा से होते हुए यात्रा राज्य के बाहर निकल जाएगी। प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद भारत जोडो यात्रा के साथ चल रहे हैं।
वहीं, राज्य सरकार के कई काबीना मंत्री और प्रदेश कांग्रेस चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा के साथ कई अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोडो यात्रा को राजस्थान में ऐतिहासिक एवं यादगार बनाने में जुटे हैं। राजस्थान में भारत जोडो यात्रा में सभी संभाग स्तर पर भी बारी बारी से जिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भी सहभागिता सुनिश्चित की जा रही है। वहीं, कांग्रेस के विधायक एवं अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ में भारत जोडो यात्रा में कदम से कदम से मिलाकर यात्रा को सफल बनाने में अपनी आहुति दे रहे हैं। भारत जोड़ो यात्रा 3,570 किमी लंबी तथा 150-दिवसीय ‘नॉन-स्टॉप’ पदयात्रा है, जो देश भर के 12 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेश को कवर कर रही है। देश के सुदूर दक्षिण से कन्याकुमारी से शुरू हुई यात्रा का अंतिम पडाव उत्तरी छोर श्रीनगर में होगा।
भारत जोडो यात्रा के दौरान वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश के मुताबिक भारत जोड़ो यात्रा 25 दिसंबर को नौ दिन का ब्रेक लेगी और 3 जनवरी, 2023 को फिर से शुरू होगी। यात्रा के 24 दिसंबर तक दिल्ली पहुंचने की उम्मीद है और 60 कंटेनरों का रखरखाव नोएडा में किया जाएगा। कई राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि भारत जोडो यात्रा के जरिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी की आगामी लोकसभा चुनाव के लिए कोशिश खुद को विपक्षी एकता के चेहरे के रुप में स्थापित करना है। यही नहीं,भारत जोडो यात्रा के माध्यम से कांग्रेस की अंदरुनी कलह भी थमेगी,ऐसा माना जा रहा है। कुल मिलकार भारत जोडो यात्रा से लोगों के दिल से दिल और कदम से कदम से मिल रहे हैं और कांग्रेस नेता राहुल गांधी का कारवां लगातार आगे बढ रहा है।
– प्रदीप कुमार वर्मा
– लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं।