Jaipur जयपुर,5 जनवरी । पीयूसीएल राजस्थान ,भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के उस आदेश को लेकर गुस्से में है जिसमें “ट्रैप शुदा आरोपी का नाम सार्वजनिक ना हो” करने की बात कही गई है ।
PEOPLE’S UNION FOR CIVIL LIBERTIES, RAJASTHAN पीयूसीएल ने इस आदेश को तुरंत निरस्त कर वापस लेने की मांग करते हुए चेतावनी दी है कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो जन प्रतिरोध किया जाएगा ।
पीयूसीएल की अध्यक्ष कविता श्रीवास्तव और महासचिव अनंत भटनागर ने आज जारी विज्ञप्ति में कहा पीयूसीएल राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो राजस्थान का 4 जनवरी 2023 का आदेश की कड़ी निंदा करता है जिसमें कहा गया है कि ट्रैपशुदा आरोपी का नाम सार्वजनिक नही किया जायेगा, जब तक न्यायालय से फैसला दौष सिद्ध नही हो जाता ।
उन्होने कहा कि स्पष्ट रूप से आरोपी जो सरकारी कर्मचारी ही होते हैं, को बचाने के लिए यह आदेश निकाला गया है क्योंकि भ्रष्टाचार जैसे मसलों मे अदालती फैसलों मे सालों साल गुजर जाते है । पदाधिकारियों ने कहा कि एक और महत्वपूर्ण बात है कि यह मीडिया को चुप करने रहने का आदेश है । भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा कहना कि वह नाम उजागर नही करेगा, लोकतंत्र के ढांचे मे अभिव्यक्ति की आज़ादी पर कुठाराघात है जिसे अंग्रेजी मे गेग ऑर्डर बोला जाता है ।
पीयूसीएल राजस्थान प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार से मांग करता है कि इस आदेश को तुरंत निरस्त कर वापिस लिया जाये । ज्ञात होगा कि इसी तरह 2017 मे वसुंधरा राजे सरकार ने भा.द.स. और दंड प्रक्रिया सहिता मे संशोधन कर सरकारी कर्मचारियों की पहचान उजागर न होने को लेकर अध्यादेश जारी किया था । जबरदस्त आंदोलन के तहत यह अध्यादेश सरकार को वापिस लेना पड़ा था । हम अशोक गहलोत सरकार को चेतावनी देना चाहते है कि इस आदेश को वापिस लिया जाये नही तो एक पुन: आंदोलन होगा ।