राहुल गांधी कल शुक्रवार को जयपुर में

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दौसा,15 दिसम्बर । कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा आज सुबह दौसा ज़िले के गोलिया गांव से शुरु हुई। सुबह में कड़ाके की ठंड के बावजूद बड़ी संख्या में स्थानीय लोग यात्रा के स्वागत के लिए मौजूद थे। सुबह के सत्र में पदयात्रा के दौरान राहुल गांधी ने मुख्य रूप से तीन समूहों से बातचीत की।

पहला राइट टू हेल्थ के लिए काम कर रहा डॉक्टर्स का एक समूह था। इन लोगों ने अशोक गहलोत सरकार द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए विकेंद्रीकरण को बढ़ावा देने का सुझाव दिया। इनका कहना था कि स्थानीय स्तर पर ही समस्याओं के समाधान की व्यवस्था की जाए।

दूसरी बातचीत विभिन्न खेलों के अवार्ड विजेता खिलाड़ियों के समुह के साथ थी। खेलों में हम और ज़्यादा मेडल कैसे जीत सकते हैं, इसे लेकर राहुल गांधी ने मुख्य रूप से बात की। उन्होंने कहा कि सबसे पहले डाइट पर फोकस करना चाहिए। प्रोटीन युक्त डाइट ज़्यादा लें। छोटी उम्र से ही बच्चों की खेल में रुचि पहचान कर तैयारी शुरू करनी चाहिए। इस दौरान खेलों को बढ़ावा देने के लिए राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक और नौकरियों में खिलाड़ियों के लिए कोटा निर्धारण करने जैसे कांग्रेस सरकार के कार्यों के लिए खिलाड़ियों ने आभार व्यक्त किया।

इसके बाद राहुल ने लैंड फॉर लाइफ, 2021 पुरस्कार विजेता प्रोफेसर श्यामसुंदर ज्याणी के साथ बातचीत की। ज्याणी बीकानेर के डूंगर कॉलेज में प्रोफेसर हैं। उन्होंने बीकानेर सहित राज्य भर में 25 लाख से अधिक पौधे लगवाए हैं। बातचीत के बाद ज्याणी ने बताया कि वह भारत जोड़ो यात्रा के उद्देश्यों से बेहद प्रभावित हैं। वह बीकानेर में एक भारत जोड़ो वन भी लगाएंगे। उन्होंने जब राहुल गांधी को इसकी जानकारी दी तब उन्होंने कहा कि वह उस वन को देखने ज़रूर आएंगे।

सुबह 11 बजे एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस सांसद एवं संचार प्रभारी जयराम रमेश ने बताया कि आज भारत जोड़ो यात्रा का 99वां दिन है। कल यानी कि 16 दिसंबर को यात्रा का 100 दिन पूरा होगा। इस दिन शाम के 4:00 बजे जयपुर स्थित प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नए कार्यालय में राहुल गांधी प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करेंगे और शाम 7:30 में जयपुर के ही अल्बर्ट हॉल में भारत जोड़ो कंसर्ट का आयोजन किया जाएगा, जिसमें सुनिधि चौहान मुख्य गायिका होंगी। 16 तारीख़ को शाम में पदयात्रा नहीं होगी। सुबह के सत्र में ही यात्री 6 बजे से 11:00 बजे तक 23 किलोमीटर की पदयात्रा करेंगे।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस पार्टी के मीडिया एवं प्रचार के अध्यक्ष पवन खेड़ा ने कहा कि राजस्थान जो कि मेरा राज्य भी है, यहां यात्रा को जिस तरह से रिस्पांस मिल रहा है वह देख कर मन प्रफुल्लित हो जाता है। यहां के लोग जानते हैं कि आज किस तरह के ख़तरे मंडरा रहे हैं। हम जब भारत को जोड़ने की बात करते हैं तो हमारी सीमाओं पर भी कुछ ख़तरे मंडरा रहे हैं‌। हमारी चीन से जुड़ी जो सीमाएं हैं, विशेष रूप से अब अरुणाचल में जो हो रहा है, उस पर सरकार खुद आंख मूंदकर बैठी है और चाहती है कि मीडिया और विपक्ष भी आंख मूंद कर बैठ जाए।

उन्होंने कहा कि कल संसद में सभी विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर वॉकआउट किया। क्योंकि विपक्षी दल चाहते हैं कि हम अपनी आंख खुली रखें, मीडिया भी अपनी आंखें खुली रखे। सरकार संसद में चीन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा नहीं करना चाहती। प्रधानमंत्री अपना मुंह बंद रखते हैं और जब उनका मुंह खुलता है तब चीन को क्लीन चिट दे देते हैं। 20 जून 2020 को उन्होंने जो क्लीनचिट दी, उसका खामियाजा हम आज तक भुगत रहे हैं। क्योंकि चीन समझ गया है कि हिंदुस्तान का प्रधानमंत्री अपनी छवि से ऊंचा किसी चीज़ को नहीं मानता है। भारत की सीमाओं की सुरक्षा को भी वह अपनी छवि से नीचे मानते हैं।

खेड़ा ने राजस्थान से संबंधित एक उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि 1962 में जब हिंदुस्तान और चीन के बीच जंग हो रहा था तब एक 36 वर्षीय नौजवान सांसद थे, अटल बिहारी वाजपेई, जिन्होंने जंग के बीच संसद का सत्र बुलाने की मांग की। नेहरू जी चाहते तो उन्हें चीन का एजेंट बता सकते थे लेकिन उन्होंने उनकी मांग को स्वीकारा। तब पाली से अभिषेक मनु सिंघवी के पिता निर्दलीय सांसद हुआ करते थे।
उन्होंने नेहरू जी और अटल जी को सुझाव दिया कि इस सत्र में जो चर्चा हो, वह कॉन्फिडेंशियल होनी चाहिए। अख़बारों में नहीं छपना चाहिए, मीडिया में नहीं आना चाहिए। नेहरू जी ने इससे इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय महत्व का मुद्दा है। देश के लोगों को यह जानने का अधिकार है कि संसद में इस पर क्या चर्चा हुई, सांसद इस पर क्या बोलते हैं और सरकार की क्या राय है। मोदी जी को इससे सीख लेनी चाहिए। उन्हें समझना चाहिए कि जब राष्ट्रीय महत्व के मुद्दे होते हैं, सीमाओं की सुरक्षा का सवाल होता है, तो देश जानना चाहता है कि हमारी सीमाओं पर क्या हो रहा है।

उन्होंने आगे कहा कि हमारी सेना मजबूत है, शौर्यवान है, इस पर किसी को शक नहीं होना चाहिए। राजस्थान से भी कई नौजवान सेना में जाते हैं। कठिन परिस्थितियों में संघर्ष करते हैं। हमारे सैनिक चीन को खदेड़ना चाह रहे हैं लेकिन राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं है। प्रधानमंत्री चीन को क्लीनचिट दे रहे हैं। ऐसे में सीमाएं कैसे सुरक्षित रह सकती हैं।

जयराम रमेश ने एक सवाल के जवाब में कहा कि कुछ साल पहले पूर्व विदेश मंत्री ‌स्वर्गीय सुषमा स्वराज ने कहा था कि व्यापार और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकता। लेकिन वह सिर्फ़ पाकिस्तान के लिए था। चीन के साथ घुसपैठ और व्यापार दोनों चल रहा है। चीन से आयात बढ़ता जा रहा है। चीनी कंपनियों का दखल बढ़ रहा है। पहले लद्दाख और अब अरुणाचल में चीन की सेना ने हमारी सीमा को पार किया लेकिन प्रधानमंत्री चुप है। 20 जून 2020 को पीएम ने जो बयान दिया था उसका खामियाजा हम आज तक भुगत रहे हैं।

दोपहर में राहुल गांधी ने किसानों से मुलाक़ात की। इनमें संयुक्त किसान मोर्चा, ईआरसीपी संघर्ष समिति-पूर्वी राजस्थान, प्रदेश किसान संघर्ष समिति जैसे संगठनों के किसान थे। बातचीत के दौरान इन लोगों ने पिछली भाजपा सरकार द्वारा संसद से पारित 2013 के कानून में संशोधन किए जाने के कारण भारतमाला एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए हुए भूमि अधिग्रहण में मुआवजे की कमी, पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना के शीघ्र कार्यान्वयन की आवश्यकता, एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी की ज़रूरत, किसानों की बेहतरी के लिए राज्य विधानसभा से पारित विधेयक को राज्यपाल द्वारा सहमति नहीं देने जैसे कई मुद्दे उठाए। इस दौरान एक किसान ने जिस तरह भारत जोड़ो यात्रा में 1 दिन के लिए सिर्फ़ महिलाएं चलती हैं वैसे ही किसान दिवस भी आयोजित करने का सुझाव दिया।

राहुल गांधी ने इनमें से ERCP जैसे कुछ मुद्दों को संसद में उठाने का वादा किया और कुछ जो राज्य स्तर की समस्याएं थीं, उन्हें पास बैठे मुख्यमंत्री से हल करने का अनुरोध किया। महिला दिवस की तरह भारत जोड़ो यात्रा में किसान दिवस आयोजित करने के सुझाव पर उन्होंने गंभीरता से विचार करने का वादा किया।

यात्रा के शाम के सत्र में फिल्ममेकर आनंद पटवर्धन और शिक्षाविद सीमा राहुल गांधी के साथ चलीं। शाम में भी यात्रा में आसपास के गांवों के हज़ारों लोग शामिल हुए।