जयपुर, 15 जुलाई। राजस्थान अपनी रूरल टूरिज्म पॉलिसी, फिल्म प्रमोशन पॉलिसी जैसी दूरदर्शी पर्यटन नीतियों के साथ देश भर के अन्य राज्यों के लिए एक आदर्श है। यह पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र को उद्योग का दर्जा देने वाला पहला राज्य है और अब तक यूडी टैक्स और बिजली छूट जैसे क्षेत्रों में लगभग 1000 होटल भी इससे लाभान्वित हुए हैं।
राज्य सरकार ने टूरिज्म डवलपमेंट फंड को भी 1000 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 1500 करोड़ रुपए कर दिया है। इसके अतिरिक्त, राज्य में 5 अंतरराष्ट्रीय गोल्फ कोर्स और 5 माईस (MICE) सेंटर भी खुल रहे हैं। यह बात राजस्थान टूरिज्म डवलपमेंट कॉर्पोरेशन (आरटीडीसी) के चेयरमैन, श्री धर्मेंद्र राठौड़ ने आज राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में राजस्थान डोमेस्टिक ट्रैवल मार्ट (आरडीटीएम) के तीसरे संस्करण के उद्घाटन पर कही।
इससे पहले मार्ट का उद्घाटन राजस्थान के पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने फीता काटकर किया। अपने संदेश में उन्होंने कहा, “पिछले वर्ष राजस्थान डोमेस्टिक ट्रैवल मार्ट के दूसरे संस्करण की बड़ी सफलता को देखते हुए, हम इस वर्ष आरडीटीएम का एक और संस्करण आयोजित कर रहे हैं। महामारी की बड़ी मार झेलने के बाद – आरडीटीएम ने राजस्थान में घरेलू पर्यटन को बढ़ावा दिया। मुझे यह कहने में कोई झिझक नहीं है कि राजस्थान आज देश के सबसे पसंदीदा डेस्टिनेशंस में से एक है। न केवल अपने पर्यटन उत्पादों के कारण बल्कि अपनी पर्यटन अनुकूल नीतियों, योजनाओं और पहलों के कारण भी। मैं आरडीटीएम 2023 की सफलता और सार्थक नेटवर्किंग की कामना करता हूं।”
आरडीटीएम का आयोजन राजस्थान सरकार के पर्यटन विभाग और फेडरेशन ऑफ हॉस्पिटैलिटी एंड टूरिज्म ऑफ राजस्थान (एफएचटीआर) द्वारा किया जा रहा है। इस वर्ष मार्ट की थीम ‘सस्टेनेबल टूरिज्म’ है।
राजस्थान लघु उद्योग निगम के चेयरमैन राजीव अरोड़ा ने कहा कि सरकार की पहल के कारण वर्ष 2019 में 187 प्रोजेक्ट्स की तुलना में वर्ष 2022 में 4500 करोड़ रुपये के प्रस्तावित निवेश और 14856 कमरों वाली 206 नई परियोजनाएं पंजीकृत की गई हैं। उच्च स्तरीय होटल शृंखलाएं जयपुर में आ गई हैं और विकास के विभिन्न चरणों में हैं। वर्ष 2021 के दौरान 2.20 करोड़ की तुलना में वर्ष 2022 में 10.87 करोड़ पर्यटक राजस्थान आए। एक वर्ष में पर्यटकों की संख्या में 8 करोड़ की वृद्धि कांग्रेस सरकार की बड़ी उपलब्धि है।
प्रमुख शासन सचिव, पर्यटन, श्रीमती गायत्री राठौड़ ने कहा उद्योग लाभ के दायरे में अधिकतम संख्या में पर्यटन इकाइयों को शामिल करने का प्रयास किया है। राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में होटल, मोटल, 10 या अधिक कमरों वाले, रीको भूमि पर होटल संचालित करने वाली पर्यटन इकाइयों, संचालित किए जा रहे होटलों, आरटीडीसी और आरएसएचसी होटलों और केंद्र व राज्य सरकार के संग्रहालयों पर राजस्व विभाग / जिला कलेक्टर द्वारा रूपांतरण आदेश लागू किया है। राजस्थान न केवल पर्यटन बल्कि निवेश के लिए भी पसंदीदा डेस्टिनेशन है। राज्य में नये धार्मिक सर्किट भी विकसित किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ‘रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म’ और ‘सस्टेनेबिलिटी’ के लिए सर्वोत्तम प्रैक्टिस को अपनाने जैसी प्रैक्टिसिज के प्रति व्यवहारिक बदलाव की आवश्यकता है।
एफएचटीआर के अध्यक्ष, श्री अपूर्व कुमार ने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ हमारे राज्य की मूर्त और अमूर्त विरासत को संरक्षित करने की भी सख्त जरूरत है और यही कारण है कि इस वर्ष मार्ट की थीम उपयुक्त रूप से सस्टेनेबल टूरिज्म रखी गई है। उन्होंने दूरदर्शी और सक्षम बनाने वाले प्रोत्साहन के लिए राज्य सरकार और पर्यटन विभाग के प्रयासों की सराहना की।
इस दौरान, गणमान्य व्यक्तियों द्वारा ‘रीगल राजस्थान – सस्टेनेबिलिटी एम्पावरिंग द फ्यूचर’ पर एक ट्रैवल पब्लिकेशन भी जारी किया गया।
कार्यक्रम में एफएचटीआर के संरक्षक, श्री ललित के पंवार; निदेशक, पर्यटन, डॉ.रश्मि शर्मा; प्रेसिडेंट ऑनर, एफएचटीआर, श्री भीम सिंह; इंडियन हेरिटेज होटल्स एसोसिएशन (आईएचएचए), अध्यक्ष, श्री रणधीर विक्रम सिंह मंडावा; एफएचटीआर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष और होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ राजस्थान (एचआरएआर), अध्यक्ष, श्री कुलदीप सिंह चंदेला; वाइस प्रेसिडेंट, एफएचटीआर, श्री खालिद खान; राजस्थान एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स (राटो), अध्यक्ष, श्री महेंद्र सिंह राठौड़ और जनरल सेक्रेटरी, एफएचटीआर,श्री मोहन सिंह मेड़तिया भी उपस्थित रहे।
गौरतलब है कि 16 जुलाई तक चलने वाले इस कार्यक्रम में राजस्थान के 200 से अधिक प्रदर्शक अपने पर्यटन उत्पादों का प्रदर्शन कर रहे हैं और पूरे भारत से 200 से अधिक डोमेस्टिक टूर ऑपरेटर्स भाग ले रहे हैं। दो दिनों के दौरान खरीदारों और विक्रेताओं के बीच 7 हजार से अधिक बी2बी संरचित बैठकें होंगी, जो अपने 600 से अधिक पर्यटन उत्पादों जैसे होटल, मोटल्स, रिसॉर्ट्स, ईटरीज, हेरिटेज प्रॉपर्टीज, एम्यूजमेंट पार्क आदि की कुशलता और क्षमता का प्रदर्शन करेंगे।
मार्ट में देश के लगभग सभी राज्यों जैसे गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडू, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा आदि से बायर्स शामिल हुए हैं। इस दौरान टूरिज्म में सस्टेनेबिलिटी, हमारी विरासत को संरक्षित करते हुए समग्र विकास, विरासत और संस्कृति आधारित पर्यटन में सस्टेनेबिलिटी, रूरल रीसर्जेंस के लिए पर्यटन जैसे विषयों पर नॉलेज सेशंस आयोजित किए गए।