रणथम्भौर :वन विभाग होटल लॉबी के दबाव में

Ranthambore-If-the-forest-department-does-not-implement-the-order-immediately-then-it-will-be-forced-to-take-refuge-in-the-Supreme-Court-rajasthan-file-photo

जयपुर, रणथम्भौर:सवाई माधोपुरः8 सितम्बर पर्यावरणविद् बाबूलाल जाजू ने राजस्थान सरकार द्वारा रणथम्भौर राष्ट्रीय पार्क में पर्यटकों के भ्रमण के लिए फुल डे.हाफ डे सफारी पर रोक लगाये जाने के बावजूद सफारी जारी रहने पर गहरी नाराजगी जतायी है ।

जाजू ने कहा कि राजस्थान के प्रमुख सचिव, वन शिखर अग्रवाल द्वारा रोक के लिखित आदेश देने के बावजूद वन विभाग के अधिकारी आदेश पर अमल नहीं कर रहे है ।

Ranthambore-If-the-forest-department-does-not-implement-the-order-immediately-then-it-will-be-forced-to-take-refuge-in-the-Supreme-Court-rajasthan

उन्होने कहा कि वन विभाग ने तुरंत आदेश को लागू नहीं किया गया तो मजबूरन उच्चतम न्यायालय की शरण लेंगे । पर्यावरणविद् बाबूलाल जाजू ने कहा कि रणथम्भौर सहित अन्य वन पार्को में सफारी बाघों के लिए हानिकारक है। हाफ.डे व फुल डे सफारी के चलते पर्यटक गाड़ी में 12.12 घंटे टाईगर रिजर्व जोन में चले जाते हैं जिससे इनके स्वच्छन्द विचरण में बाधा उत्पन्न होने के साथ ही बाघ तनावग्रस्त होते हैं एवं बाघों के प्रजनन एवं स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ने के साथ ही इनकी निजता का हनन होता है। उन्होने कहा कि कई बार बाघ अपना इलाका छोड़कर जंगल से बाहर निकलकर गुम भी हो जाते हैं।

जाजू ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोतए प्रमुख शासन सचिव वन शिखर अग्रवाल व वन मंत्री हेमाराम चौधरी को पत्र ई मेल से भेजकर तुरंत आदेश जारी कर इसकी पालना सुनिश्चित कराने की मांग की है। जाजू ने आशंका व्यक्त की है कि होटल लॉबी के दबाव के चलते इस आदेश में अनावश्यक देरी हो रही है। जाजू ने पर्यटकों की आगे की बुकिंग को तुरंत निरस्त कर पर्यटकों से एडवांस प्राप्त बुकिंग का धन रिफंड लौटाने या आगे की बुकिंग में समायोजित करने की मांग की। जाजू ने कहा कि मामूली धन के लिए सरकार बाघों का जीवन खतरे में नही डालें अन्यथा उच्च न्यायालय में गुहार कर रोक लगवाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा