राष्ट्र निर्माण में योगदान के लिए युवाओं को स्व अनुशासन का पढ़ाया पाठ

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राष्ट्रीय एकता व सद्भावना शिविर का हुआ समापन

जयपुर,1 नवंबर। विख्यात गांधीवादी डॉ. एस एन सुब्बाराव की पुण्यतिथि पर जयपुर में चल रहे राष्ट्रीय एकता सद्भावना शिविर के अंतिम दिन मंगलवार को ध्वज वंदन कार्यक्रम में स्व-अनुशासन का पाठ पढ़ाया गया और समापन सत्र में युवाओं ने शिविर के अपने अनुभव साझा किये। अंत में सभी शिविरार्थयों का राजस्थानी पगड़ी व सहभागिता प्रमाण पत्र देकर सम्मान किया गया।

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शिविर संयोजक हनुमान सहाय शर्मा ने बताया कि प्रातःकालीन ध्वज वंदन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नेशनल यूथ अवार्डी रामदयाल सैन ने कहा कि, जीवन में केवल अनुशासन ही नहीं बल्कि स्व-अनुशासन का जरूरी है।शिविर से जाने के बाद हमे स्व-अनुशासन से अपने आपको एक सशक्त युवा बनकर राष्ट्र निर्माण, एकता व अंखडता के लिए कार्य करना है।

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शिविर के समापन सत्र में शिविरार्थियों ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि शिविर से जहां उनमें आत्मविश्वास का संवर्धन हुआ है वही देश की एकता और अंखडता बनाये रखने और भाईजी के जीवन और उनसे मिली प्रेरणा से राष्ट्र निर्माण में अपने योगदान हेतु नई दिशा का सृजन हुआ है।बाद में सभी युवा संकल्पित होकर अपने-अपने गंतव्य के लिए रवाना हुए।

समापन सत्र में महात्मा गाँधी सामाजिक विकास अध्धयन केंद्र के विभागाध्यक्ष डॉ. बीएम शर्मा,राष्ट्रीय युवा योजना के सचिव डॉ. रणसिंह परमार, मधु भाई, नरेंद्र भाई, ट्रस्टी सुकुमारन भाई, नेशनल युथ अवार्डी रामदयाल सैन, के एन सिंह, अनिल सेठी, विष्णु शर्मा, विनय भाई, कुसुम जैन, सुरेश शर्मा, विशंभर नायला, जितेंद्र खोलिया, सतीश शर्मा, दिनेश चंद्र सैनी, डॉ आनंद सहित 27 राज्यों के 500 से अधिक शिविरार्थी उपस्थित रहे।