jaipur जयपुर, 29 अगस्त। जयपुर के 12वीं कक्षा के छात्र, 17 वर्षीय आरव गांधी ने एक अनोखे कॉन्सेप्ट ‘प्रोजेक्ट घराना’ की शुरूआत की, जिसके तहत उन्होंने भारत के बेघर लोगों के लिए किफायती आवास के प्रोटोटाइप के रूप में एक पूरी तरह कार्यात्मक शिपिंग कंटेनर होम बनाया है।
उन्होंने 500 से अधिक बेघर लोगों का किफायती और स्थायी घरों में पुनर्वास में मदद करने के लिए 100 शिपिंग कंटेनर घरों के निर्माण की परिकल्पना की है। इसके तहत घरों को प्राथमिक विद्यालय, डिस्पेंनसरी सहित अन्य सुविधाओं और कम रखरखाव लागत के बुनियादी ढांचे के साथ पूर्ण किया जाएगा।
यह कॉर्पोरेट और स्थानीय सरकार की भागीदारी के माध्यम से देश के अन्य हिस्सों में अपनाने के लिए एक मॉडल होगा। ये घर बेघर होने जैसी सामाजिक समस्या को खत्म करेंगे और पर्यावरण के अनुकूल होंगे (जैसे जिम्मेदारी के साथ कचरे का निपटान और निर्माण में रीसाइकिल्ड सामग्री का उपयोग करना आदि)। वर्तमान में, आरव अधिक शिपिंग कंटेनर घर बनाने और ‘प्रोजेक्ट घराना’ के अपने सपने को साकार करने के लिए पार्टनरशिप की तलाश में है।
‘प्रोजेक्ट घराना’ के बारे में बात करते हुए, आरव ने कहा, “छोटी उम्र से ही मेरा आर्किटेक्चर और कन्सट्रक्शन से जुड़ाव रहा है, जिससे मुझे पूरे भारत में बेघर होने की व्यापक समस्या के बारे में जानने का अवसर मिला। स्थानीय स्तर पर शुरुआत करने और अपने आसपास के लोगों को बदलाव लाने के लिए प्रेरित करने के लिए मैंने ‘प्रोजेक्ट घराना’ शुरू किया, जो एक कि सामाजिक पहल है और इसका उद्देश्य भारत में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को स्थायी और किफायती घर प्रदान करना है।
यह प्रक्रिया सितंबर 2021 में शुरू हुई, जब मैं अपने पिता फैक्ट्री में गया और वहां देखा कि एक पुराने कंटेनर को परिवर्तित करके ऑफिस स्पेस के रूप में काम लिया जा रहा है। इसी कॉन्सेप्ट से घर बनाने का विचार मेरे दिमाग में आया। महीनों की चर्चा और अथक परिश्रम के बाद चार लोगों के परिवार के लिए पहला कंटेनर होम तैयार किया गया। मैं इस सफल मॉडल का उपयोग करते हुए जयपुर में अपने स्कूल के पास महापुरा गांव में इसी प्रकार से कंटेनर घरों की कम्यूनिटी तैयार करने की उम्मीद करता हूं।”
आरव ने एक क्राउडफंडिंग कैम्पेन चलाया और ‘प्रोजेक्ट घराना’ के लिए 3 सप्ताह में 5 लाख रुपये से अधिक राशि जुटाई। उन्होंने अपना पहला शिपिंग कंटेनर होम बनाया है, जो 100% रिन्यूएबल एनर्जी पर चलता है और इसके निर्माण में कई सस्टेनेबल सामग्रियों का उपयोग हुआ है। उनके प्रोजेक्ट को भारत और विदेश दोनों जगह सराहना मिली है।
वे ग्लोबल सोशल लीडर्स (210 ग्लोबल सोशल प्रोजेक्ट्स में से टॉप 5) के फाइनलिस्ट थे और उन्हें युनाइटेड नेशंस ग्लोबल गोल्स वीक में बोलने के लिए आमंत्रित किया गया था। उन्हें एक FEELL चेंजमेकर (पूरे भारत में 1500 छात्रों में से टॉप 50) के रूप में नॉमिनेट किया गया था, और बड़े समुदायों में इस तरह के कॉन्सेप्ट को दोहराने के लिए चर्चा के लिए भारत के आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय से निमंत्रण मिला।