जयपुर, 19 जनवरी। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत माइंस सुरक्षा मानकों की पालना सुनिश्चित कराने और सिलिकोसिस को लेकर अत्यधिक संवेदनशील और गंभीर है।
उन्होंने कहा ” मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले दिनों चिंतन शिविर के दौरान सुरक्षित खनन, संरक्षण एवं सिलिकोसिस बीमारी पर चिंता व्यक्त करते हुए अवेयरनेस की आवश्यकता प्रतिपादित की थी।” उन्होंने बताया कि सुरक्षा मानकों की पालना सुनिश्चित होने से खनन के कारण होने वाली बीमारियों से बचाव के साथ ही खनन दुर्घटनाओं पर कारगर रोक संभव है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल गुरुवार को सचिवालय में माइंस विभाग की समीक्षा बैठक ले रहे थे। उन्होंने बताया कि आगामी 23 जनवरी से प्रदेश में अभियान चलाकर खनन सुरक्षा मानकों की शतप्रतिशत पालना सुनिश्चित की जाएगी। निरीक्षण के दौरान सुरक्षा मानकों की पालना नहीं पाने जाने पर कार्य बंद कराने तक के सख्त कदम उठाए जा सकते हैं।
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि राज्य में बंद पड़ी व कार्य नहीं कर रही माइंस की नियामानुसार रद्द करने की कार्यबाही कर पुनः ऑक्शन किया जाएगा ताकि इन माइंस में खनिज उत्पादन आरंभ होने के साथ ही राजस्व व रोजगार के अवसर बढ़ सके। उन्होंने इस तरह की माइंस की लीज को रद्द करने की आवश्यक औपचारिकता प्राथमिकता से पूरी करने के निर्देश दिए। उन्होंने सिलिकोसिस के कारणों का अध्ययन करने के भी निर्देश दिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि खनिज गतिविधियों से इतर भी सिलिकोसिस के अन्य कारक क्या है ताकि सिलिकोसिस उन्मूलन की समग्र योजना बन सके।
एसीएस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि इस साल मेजर व माइनर खनिज ब्लॉकों की नीलामी का नया रेकार्ड बनाया जाएगा ताकि प्रदेश में अवैध खनन को रोका जा सकें। उन्होंने विधान सभा के लंबित प्रश्नों की उत्तर प्राथमिकता से भिजवाने, संपर्क पोर्टल व अन्य प्रकरणों के प्राथमिकता से निस्तारण के निर्देश दिए।