खाटूश्यामजी, 8 अगस्त । आज ग्यारस होने की वजह से खाटूवालेश्याम जी का मासिक मेला था ।ग्यारस के दिन दर्शन करने के लिए एक लाख से अधिक श्रद्वालु तडके तक बाबा श्याम की नगरी में पंहुच चुके थे । हजारों श्रद्वालु बाबा श्याम के जयकारे लगाते हुए अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे । सुरक्षा के नाम पर राजस्थान पुलिस के नाममात्र के सुरक्षाकर्मी तैनात थे । मन्दिर कमेटी की ओर से तैनात सुरक्षाकर्मियों की संख्या भी कम थी जो थे उनमें से अधिकतर अपने यजमान की सेवा में थे ।
समय सुबह 5 बजे का रहा होगा ,इसमे बदलाव हो सकता है ।प्रत्यक्षदर्शीं के अनुसार भक्तजन दर्शन खुलने का इंतजार कर रहे थे, भक्त बाबा श्याम के जयकारे लगा रहे थे । बाबा श्याम के जयकारों के बीच पट खुले और देखते देखते भगदड मच गयी बावजूद हर कोई आगे बढने को उतावला था । दूसरे पल ही भक्तों के दबने की सूचना मिली । भीड में तीन श्रद्वालुओं की मौत हो गई और 10 से अधिक श्रद्वालु घायल हो गए । हालाकि अधिकारिक सूत्र घायलों की संख्या 4 बता रहे है ।
प्रत्यद्वादर्शियों की माने तो मन्दिर कमेटी और जिला प्रशासन की अनदेखी या लापरवाही की वजह से यह हादसा हुआ । बाबा श्याम के दरबार में सुरक्षा के प्रंबध माकूल नहीं थे । मन्दिर कमेटी और स्थानीय प्रशासन द्वाम भक्तों की सुरक्षा , व्यवस्थित दर्शन करवाने पर कम ध्यान और वीआईपी दर्शनार्थियों को जल्दी से जल्दी दर्शन करवाना, भगदड मचने का एक कारण माना जा रहा है ।
दर्शनार्थी दर्शन खुलने यानि मन्दिर के पट खुलने का इंतजार कर रहे थे । पट खुलते ही भक्त मन्दिर प्रवेश के लिए तेजी से आगे बढे, इस दौरान सुरक्षा के नाम पर नाममात्र के पुलिसकर्मी मौजूद थे । अचानक धक्का लगा, एक महिला गिरी और उस पर कुछ ओर भक्त गिर गये । इस भगदड में उन तीन भक्तों की मौत हो गई जो अगले ही पल बाबा श्याम के दर्शन करने वाले थे लेकिन ईश्वर को ओर कुछ ही मंजूर था ।
मौके पर मौजूद लोगों का कहना था जब बाबा का मासिक मेला है ओर यह तो अनुमान ही होगा कि लाखों भक्त दर्शन करने आते है फिर सुरक्षा के अच्छे प्रबंध क्यों नहीं किये जबकि इस बार दर्शन करने का मार्ग बदल दिया । जब दर्शन मार्ग में बदलाव किया था तो जिला और पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को मौजूद रहना था । लेकिन जिला और पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने एक अदने से पुलिस अधिकारी यानि खाटूश्याम जी पुलिस थाने के थानाधिकारी को निलम्बित कर अपनी कमियों पर पर्दा डालने का काम किया है ।
लोगों की माने तो जिला प्रशासन मन्दिर कमेटी के प्रति समपर्ण रहता है ओर हर कमी को अनदेखा करता है । जिला प्रशासन की यह अनदेखी भक्तों पर भारी पड गयी और बाबा श्याम के दरबार के इतिहास में एक अध्याय इस हादसे का जुड गया । जिला प्रशासन सतर्क होता और मन्दिर कमेटी को सुरक्षा और वीआईपी दर्शनों को लेकर खास कडी हिदायत देता तो आज यह हादसा नहीं होता और तीन श्रद्वालुओं की मौत नहीं होती ।