आजादी के सितारे :रानी श्रीवास्तव

Stars of freedom: Rani Srivastava

12 अगस्त 1942 को .स्वतंत्रता की लड़ाई में शामिल गुमनाम सेनानी.तारा रानी श्रीवास्तव एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थीं और महात्मा गांधी के भारत छोड़ो आंदोलन का हिस्सा थीं ।

रानी श्रीवास्तव और उसके पति फूलेन्दू बाबू बिहार के सरन जिले में रहते थे।वह अपने पति के साथ 12 अगस्त 1942 में  सीवान में पुलिस थाने की ओर एक मार्च का नेतृत्व कर रहे थे ।पुलिस ने जब रानी श्रीवास्तव के पति को  गोली मार दी। बावजूद रानी श्रीवास्तव ने  मार्च जारी रखा। रानी श्रीवास्तव

को बाद में लौटने पर पता चला कि फूलेन्दू बाबू की मौत हो गई है।  पांच साल बाद रानी श्रीवास्तव  देश की आजादी तक आजादी के संघर्ष का हिस्सा रहीं। हमारा यह पुरुष.प्रधान समाज कहता है कि एक औरत अपने पति के पीछे ही चलती है। वह तभी तक मजबूत रह सकती है जब तक उसका पति उसे हिम्मत देगा पर तारा रानी श्रीवास्तव ने इस कथन को पूरी तरह गलत साबित किया है।