राजस्थान में सामाजिक अंकेक्षण को पुनः अप्रभावी बनाने के कदम उठाये : अरूणा राय

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जयपुर 8 अगस्त ।सूचना एवं रोज़गार अधिकार अभियान ने राजस्थान सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है कि सरपंच संघ के दवाब में आकर राजस्थान सरकार ने सामाजिक अंकेक्षण की प्रक्रिया को फिर बाधित कर दिया है।

सूचना एवं रोज़गार अधिकार अभियान पदाधिकारी अरूणा राय, निखिल डे, कविता श्रीवास्तव ने आज संवाददाताओं से कहा कि
राजस्थान सरकार सरपंचों के दवाब में आकर सामाजिक अंकेक्षण की प्रक्रिया को पुराने तरीके से कराने की बात कर रही है। जबकि सामाजिक अंकेक्षण CAG के मापदंड के अनुसार ही होना चाहिए।

अभियान का मानना है कि सरपंच संघ का सामाजिक अंकेक्षण का विरोध करना एक अनुचित व गैरकानूनी कदम है एवं सरकार का इनकी गैरकानूनी मांगों के सामने झुक जाना सरकार की पारदर्शिता एवं जवाबदेही की छवि पर सवाल खड़े करता है। हमें एक वोईस रिकॉर्डिंग प्राप्त हुई है जिसमें तथाकथित पूर्व सामाजिक अंकेक्षण सन्दर्भ व्यक्ति एवं सरपंच संघ के एक व्यक्ति बीच बातचीतहो रही है जिसमें दोनों के बीच में सांठगाँठ स्पष्ट प्रतीत होती है। हम इस रिकॉर्डिंग को सरकार एवं पुलिस को जाँच के लिए भेजेंगे और इनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे।

हमारी राज्य सरकार से मांग है कि सामाजिक अंकेक्षण CAG के मापदंडानुसार हो। अभी भी जिस स्वतंत्र निकाय का गठन सामाजिक अंकेक्षण के लिए किया गया है उसकी गवर्निंग बॉडी में सिविल सोसायटी सदस्यों की नियुक्ति नहीं की गई हैए सामाजिक अंकेक्षण निकाय का फील्ड में कोई स्टाफ नहीं लिया गया है तथा न ही कोई स्थाई ढांचा है। पिछले सालों से जिन लोगों से नाममात्र का अंकेक्षण कराया जा रहा था उनका चयनए प्रशिक्षणए निगरानीए मानदेय आदि सभी क्रियान्वयन एजेंसी ग्राम पंचायतध्पंचायत समिति या जिला परिषद् द्वारा ही किया जाता रहा है अतः जल्द ही CAG के मापदंड से अनुसार समस्त भर्ती व चयन की प्रक्रिया को पूरा करके सामाजिक अंकेक्षण को सम्पन्न कराया जावे।

अभियान पदाधिकारियों ने बताया कि 6 अगस्त 2022 आदेशानुसार श्सरपंच संघ के साथ हुई उच्च स्तरीय वार्ता में दिए गए निर्देशानुसार कार्यालय आदेश क्रमांक 8976 दिनांक 26,07,2022 के बिंदु संख्या 3 में सामाजिक अंकेक्षण दलों के चयन एवं गठन में आवश्यक संसोधन करते हुए ;श्सिविल सोसाइटी संगठन के सदस्य यसूचना एवं रोज़गार अधिकार अभियान के सदस्यश्द्ध शब्दों को हटाया जाता है ।

गौरतलब है कि एसआर अभियान ने सामाजिक अंकेक्षण नहीं किया है बल्कि सामाजिक अंकेक्षण दलों को प्रशिक्षण दिया है ताकि ब्।ळ के मापदंडनुसार सामाजिक अंकेक्षण संपन्न हो मुख्य सवाल उठता है कि सरपंच, ग्राम विकास अधिकारी  को सामाजिक अंकेक्षण से क्या डर है ।

हकीकत यह है कि राजस्थान में लम्बे समय तक सामाजिक अंकेक्षण के लिए स्वतंत्र निदेशालय नहीं बनाया गया थाण् अब इस दिशा में कुछ कदम उठाये जाने लगे औरCAG के मापदंडनुसार सामाजिक अंकेक्षण की प्रक्रिया शुरू होने लगी और तुरंत सरपंच संघ इसके खिलाफ लामबंद होने लगाण् अब सरपंच संघ के दवाब में आकर राज्य सरकार ने सामाजिक अंकेक्षण की प्रक्रिया को पहले जैसे अप्रभावी बना दिया हैण्
इस अप्रभावी प्रक्रिया को केंद्र सरकार एवं NIRD ने चिन्हित किया है एवं केन्द्रीय सरकार ने राज्य सरकार द्वारा प्रभावी सामाजिक अंकेक्षण न करने की वजह से इस वर्ष कम श्रम बजट आवंटित किया है एवं पैसे जारी नहीं करने की धमकी भी दी है। हम इस रवैये से सहमत नहीं है ।
अभियान पदाधिकारियों ने कहा हम मानते हैं कि जहाँ भ्रष्टाचार है या सामाजिक अंकेक्षण प्रक्रिया अनुसार नहीं कराया जाता है वहां सम्बंधित दोषी अधिकारीयों के खिलाफ कार्रवाई की जाने चाहिए  । मजदूरों को भ्रष्ट अधिकारियो एवं जन प्रतिनिधियों का खामियाजा नहीं भुगतना चाहिये।
सामाजिक अंकेक्षण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसे भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के द्वारा मान्यता दी है और उसके लिए अंकेक्षण के नियम बनाये हैंण् यह प्रक्रिया न केवल योजनाओं में पारदर्शिता स्थापित करती है बल्कि व्यवस्था को जवाबदेह बनाती है और सरकार में जन भागीदारी सुनिश्चित करती है। इस प्रक्रिया को महात्मा गांधी नरेगा सहित कई कानून एवं योजनाओं में सामाजिक अंकेक्षण को वैधानिक दर्जा दे कर अनिवार्य किया गया है।