धौलपुर में चंबल के बीहड़ों में बढ़ रहा है “बाघों “का कुनबा

clan -of- tigers- is -growing -in- the- ravines- of- Chambal -in- Dhaulpur-rajasthan-india

-प्रदीप कुमार वर्मा

धौलपुर,30 अप्रैल । पूर्वी राजस्थान के धौलपुर जिले में दुर्दांत दस्युओं की शरणस्थली के रूप में चर्चित चंबल के बीहढ एक बार फिर से चर्चा में हैं। लेकिन इस बार दस्युओं की करतूतों के उलट यह चर्चा वन एवं वन्य जीव प्रेमियों के लिए खुशी को लेकर है।

धौलपुर जिले के सरमथुरा उपखंड क्षेत्र में चंबल के बीहड में एक बाघिन ने तीन शवकों को जन्म दिया है। चंबल के बीहड में तीन नए शावकों के आने से अब बीहड में बाघों का कुनवा बढ रहा है। पहले से ही बाघों के मूवमेंट के बाद अब नए शावकों के जन्म लेने से प्रस्तावित टाईगर रिजर्व का रास्ता भी सुगम हो गया है। वहीं, वन विभाग ने भी नए मेहमानों की देखरेख तथा संरक्षण के लिए नजर रखनी शुरू कर दी है।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक धौलपुर जिले के सरमथुरा उपखंड क्षेत्र के झिरी फारेस्ट ऐरिया में बीते दिनों बाघिन टी- 117 के द्वारा तीन शावकों को जन्म दिया है। सरमथुरा इलाके के झिरी और दमोह के जंगलों में ट्रैप कैमरे में टाइगर परिवार के विचरण की तस्वीरें सामने आई हैं।

बाघिन टी -117 के द्वारा तीन शावकों को जन्म देने के बाद शावकों की कुल संख्या 5 हो गई है। इससे दो वर्ष पहले वर्ष 2021 में बाघिन टी-117 दो शावकों को जन्म दिया था। टाइगर परिवार की वंशवृद्धि के बाद धौलपुर-करौली टाइगर रिजर्व सेंचुरी के कार्य के गति पकड़ने की संभावना है।

धौलपुर के उप वन संरक्षक किशोर कुमार गुप्ता ने बताया कि विगत कई सालों से टाइगर टी-116 एवं मादा टी-117 धौलपुर जिले के चंबल के बीहड में विचरण कर रहे हैं। इनके पसंदीदा क्षेत्र में सरमथुरा का झिरी, दमोह, बाड़ी क्षेत्र के रामसागर,बसई डांग क्षेत्र के सोने का गुर्जा एवं वन विहार अभ्यारण्य शामिल है। इसके साथ ही करौली और धौलपुर के जंगलों में लगातार टाइगरों का मूवमेंट बना रहता है। हाल ही में बाघिन टी-117 ने तीन शावकों को जन्म देकर खुशी की किलकारियां गूंजी है।

धौलपुर जिले के डांग क्षेत्र एवं चंबल के बीहड़ों में टाइगरों का कुनवा लगातर बढ़ने से वन्यजीव प्रेमियों में भारी खुशी है। वन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि राजस्थान के सवाई माधोपुर में बने रणथंभौर अभयारण्य में बाघों की संख्या 80 से ऊपर पहुंच गई है। इन बाघों में आए दिन होने वाली वर्चस्व की लड़ाई में कई बाघ जान भी गवां चुके हैं।

फोटो ः- धौलपुर में वन विभाग की वाचर टीम द्वारा सीसीटीवी में एक शावक को ले जाती बाघिन 25 डीओएल पी-01

# लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं।