जयपुर, 7 नवम्बर । चंद्र ग्रहण 8 नवंबर को संपूर्ण भारत में इसका प्रभाव रहेगा।
चंद्रग्रहण को लेकर सूतक सुबह 7:51 बंजे लग जाएगा। चंद्रग्रहण कार्तिक सुदी पूर्णिमा मंगलवार को लगेगा। सूतक 9 घंटे पूर्व ही लग जाता है।चंद्र उदय के हिसाब से संध्या 4:51 से 6:19 तक दिखेगा । यह चंद्रग्रहण ग्रस्तोदय होने के कारण इसके प्रारंभ के क्षण भारत में कहीं भी नहीं देख सकेंगे। ग्रहण का मध्य भी कुछ गिने-चुने स्थान पर ही दिखेगा लेकिन ग्रहण की समाप्ति भारत के सभी नगरों में देखी जा सकती है।
कल लगने वाला यह चंद्र ग्रहण वर्ष 2022 का अंतिम चंद्रग्रहण है। इससे पहले 25 अक्टूबर 2022 दिन मंगलवार को खग्रास सूर्य ग्रहण भी लगा था। सूर्य ग्रहण का भी प्रभाव अगले 3 महीने तक रहेगा और चंद्रग्रहण का भी प्रभाव अगले 3 महीने तक बना रहेगा । साथ ही सूर्य ग्रहण वायु तत्व की राशि तुला में लगा था एवं चंद्रग्रहण अग्नि तत्व की राशि मेष में लगेगा। ऐसी स्थिति में दोनों ग्रहणों का संयुक्त रूप से व्यापक प्रभाव देखने को मिलेगा।
खग्रास चन्द्र ग्रहण के सूतक काल में दान तथा जापादि का महत्व माना गया है। पवित्र नदियों अथवा सरोवरों में स्नान किया जाता है । मंत्रो का जाप किया जाता है तथा इस समय में मंत्र सिद्धि भी की जाती है। तीर्थ स्नान, हवन तथा ध्यानादि शुभ काम इस समय में किए जाने पर शुभ तथा कल्याणकारी सिद्ध होते हैं। धर्म-कर्म से जुड़े लोगों को अपनी राशि अनुसार अथवा किसी योग्य ब्राह्मण के परामर्श से दान की जाने वाली वस्तुओं को इकठ्ठा कर संकल्प के साथ उन वस्तुओं को योग्य व्यक्ति को दे देना चाहिए।
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सूतक के समय और ग्रहण के समय भगवान की मूर्ति को स्पर्श करना निषिद्ध माना गया है।खाना-पीना, सोना, नाखून काटना, भोजन नहीं बनाना चाहिए ।
सूतक आरंभ होने से पहले ही अचार, मुरब्बा, दूध, दही अथवा अन्य खाद्य पदार्थों में कुशा तृण डाल देना चाहिए जिससे ये खाद्य पदार्थ ग्रहण से दूषित नहीं होगें। अगर कुशा नहीं है तो तुलसी का पत्ता भी डाल सकते हैं । घर में जो सूखे खाद्य पदार्थ हैं उनमें कुशा अथवा तुलसी पत्ता डालना आवश्यक नहीं है।कल गर्भवती महिलाएं चाकू , सुई व अन्य धारदार वाली वस्तुओं को उपयोग में नहीं लाएं ।