न्यू जलपाईगुड़ी,New Jalpaiguri 6 जनवरी । रेलवे प्रशासन केवल यात्रियों या कारोबारियों के चेहरे पर मुस्कान लाने का काम नहीं कर रही है वे बच्चों के ट्रेन मेंं छूट गए खिलोैने भी बच्चों तक पहुंचा कर उनके चेहरे पर हंसी लाने का काम करता है ।
हुआ यूं कि 4 जनवरी को भुसीन पटनायक नाम के एक यात्री ने रेल मदद 139 के माध्यम से सूचित किया कि ट्रेन नंबर 07030, सिकंदराबाद-अगरतला स्पेशल ट्रेन के कोच नंबर बी-2, सीट नंबर-10,11 पर यात्रा कर रहे सहयात्री के बच्चे का खिलौना ट्रेन में छूट गया है।
यात्रा के दौरान बच्चे को अपने खिलौने से बहुत लगाव था और वह पूरे रास्ते में अपने उस खिलौने से खेल रहा था और जब भी उससे उस खिलौने को दूर करते तो वह बच्चा रोने लगता और वापिस देने पर वह बहुत खुश होता और उसको अपने खिलौने के साथ बहुत अच्छा लगता। अगर उस छोटे बच्चे को रेलवे किसी भी तरह से यह खिलौना पहुंचा दे तो बहुत अच्छा होगा।
रेलवे द्वारा पटनायाक से संपर्क करने पर ज्ञात हुआ कि वह यात्रियों का नाम, नंबर नहीं जानता है और न उसके पास और कोई जानकारी है। रेलवे द्वारा उपरोक्त सूचना के पश्चात् ट्रेन की लोकेशन ज्ञात कर अगले स्टेशन न्यू जलपाईगुड़ी पर अटेण्ड कर खिलौना बरामद किया गया।
अब यात्री की पहचान करना प्रमुख और मुख्य कार्य था, जिससे यह खिलौना बच्चे को लौटाया जा सकें। इसके लिये यह पता लगाया गया कि टिकट सिकंदराबाद में रिजर्वेशन काउंटर से खरीदा गया था और रिज़र्वेशन के लिए भरी गई रिजर्वेशन स्लिप की पहचान करने के लिए टीम बनाकर उनका कॉन्टेक्ट नं. और अन्य जानकारी प्राप्त की।
यात्रियों के नाम रिजर्वेशन चार्ट से कन्फर्म किये गये जोकि मोहित रज़ा और श्रीमती नसरीन बेगम के नाम से थे और उनका पता गाँव-काज़ी गाँव, जिला-उत्तर दिनाजपुर के नाम से अंकित था। यह पता अलुआबारी स्टेशन से 20 किलोमीटर दूर स्थित है। रेलवे टीम ने उपरोक्त पते पर जाकर खिलौने को बच्चे को वापिस दिया, जिसे पाकर बच्चा बहुत खुश हुआ।
रेलवे द्वारा घर जाकर खिलौना लौटाने पर प्रतिक्रिया देते हुये बच्चे के पिता मोहित ने बताया कि मेरा 19 महीने का बच्चा अपना पसंदीदा खिलौना ट्रक ट्रेन में भूल गया था, जो उसे बहुत पंसद था और दिल के बहुत करीब था। मुझे लगा कि कोई भी व्यक्ति सिर्फ एक खिलौने के लिए प्रयास नहीं करेगा इसलिए मैंने कोई शिकायत दर्ज नहीं करवाई लेकिन बच्चे का खिलौना ट्रेन में छूट जाने पर मुझे भी अच्छा नहीं लग रहा था।
बच्चे के पिता अपने बच्चे का खिलौना लौटाने के लिये रेल मंत्री के कार्यालय के इस कार्य से बहुत अभिभूत हुए और रेल मंत्री को बहुत बहुत धन्यवाद दिया। इसके साथ ही जिस व्यक्ति ने रेल मदद से सूचित किया था ने रेलवे के द्वारा किये गये प्रयासों की भूरि-भूरि सराहना की