स्त्री त्याग और प्रेम के दो किनारे ।

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Jaipur जयपुर, 5 जनवरी । रवीन्द्र मंच पर आयोजित किये जा रहे रंगनाट्यम इंटिमेट थिएटर फेस्टिवल के तीसरे दिन जयपुर की युवा अभिनेत्री अन्नपूर्णा शर्मा के निर्देशन में नाटक दो किनारे का मार्मिक मंचन किया गया ।

पंकज सुबीर एवम तपन भट्ट द्वारा लिखित दो कहानियों को एक सूत्र में पिरोकर रचे गए इस नाटक में स्त्री त्याग और प्रेम को बहुत ही खूबसूरत तरीके से बताया गया ।

नाटक में स्त्री के जीवन के दो किनारों को दर्शाया गया। पहले किनारे में दिखाया गया कि औरतों की दुनिया बहुत गहरी और अलग किस्म की होती है। इस दुनिया की भीतरी परतों तक शायद ही कोई मर्द पहुंच पाता हो। घर के दो मर्द जब आपस में लड़ाई करते हैं तो समाज शायद यही सोचता है कि इनकी पत्नियां इन्हें भड़काती हैं और इन्ही के कारण इनमें मतभेद हैं।सारे ताने, सारे इल्जाम औरतों को ही झेलने पड़ते हैं। परंतु कोई नहीं जानता कि परिवार के मर्दों की आपस की लड़ाई में औरतें कितना कुछ खो देती हैं।

वहीं दूसरी कहानी में ये बताया गया कि औरतें कही भी हो घर में अथवा बाहर उनका योगदान सदैव बहुत बड़ा होता है। समाज हमेशा औरतों के योगदान को नज़रअंदाज़ करता आया है । हमारे देश मे कितनी ही ऐसी महिलाएं हैं जिन्होंने देश के लिए अपने पति, बच्चों को बिना उफ करे सीमा पर भेज दिया । औरते कितना त्याग करती ही ये कोई नहीं जान पाता। समाज बस उसके बाहरी समर्थन को देखता है, जबकि औरत देश, रिश्ते, समाज और घर के लिए सब कुछ न्योछावर कर देती है। इन पात्रों ने किया अभिनय ।

नाटक में मुख्य भूमिका स्वयं अन्नपूर्णा शर्मा ने निभाई और अपने कसे हुए अभिनय से दर्शकों पर छाप छोड़ी । साथ ही पति की भूमिका में राहुल और बेटे की भूमिका में सुशील शर्मा ने उम्दा अभिनय किया । साथी कलाकारों में कमलेश चंदानी, शुभम अग्रवाल, किरण, अंकित, प्रकाश ने प्रभवित किया । फेस्टिवल में चौथे दिन हिमाचल की टीम द्वारा नाटक भगवान के पूत का मंचन किया जाएगा ।