केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत विवाद पैदा कराने की मनोवृत्ति छोडे ।

जयपुर, 23 जुलाई । किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने कहा है कि केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय को प्रधानमंत्री की इच्छा अनुसार इस परियोजना में मध्य प्रदेश एवं राजस्थान के बीच विवाद नहीं होते हुए भी विवाद पैदा कराने की मनोवृत्ति छोड़नी चाहिए ।

डा जाट ने किसान महापंचायत के अन्य पदाधिकारियों के साथ आज पिंक सिटी प्रेस क्लब में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि वर्ष 2018 में अजमेर एवं जयपुर की सभाओं में माननीय प्रधानमंत्री ने इस परियोजना के संबंध में घोषणा की थी, जिसमें संवेदनशीलता के आधार पर विचार करने का आश्वासन दिया गया था । तदनुसार इस परियोजना की पूर्णता की दिशा में सकारात्मक रूप से विचार करना न्यायोचित है ।

जाट ने कहा कि अभी तो केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के विचार में नकारात्मकता प्रकट हो रही है । यह स्थिति तो तब है जब राजस्थान अन्य राज्यों की अपेक्षा जल उपलब्धता में बहुत पीछे है । राजस्थान में संपूर्ण देश का भूभाग तो 10% है किंतु पानी की उपलब्धता 1% है । ऐसी स्थिति में केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय को इस परियोजना को 50% की निर्भरता पर स्वीकृति देकर पूर्णता की ओर ले जाने हेतु सकारात्मक कार्य करना चाहिए ।उन्होने कहा कि राजस्थान ने लोकसभा चुनाव 2019 में 25 में से 25 सांसद केंद्र में सत्तारूढ़ दल तथा उनके साथ तालमेल करने वाले दल को दिए थे और यह भी एक अच्छा विषय है कि जल शक्ति मंत्रालय राजस्थान के सांसद केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत  है तो अपेक्षाएं प्रदेशवासियों की अधिक बढ़ जाती है ।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि राजस्थान में अब तक 3000 से अधिक बांध बने हुए हैं उनमें से सारे बांध नहीं भरते वरन अनेक बांध तो ऐसे हैं जिनमें पानी की आवक कम है । यथा बीसलपुर बांध 20 वर्षों में चार बार भरा है ऐसे बांधो की निर्भरता 50% से भी कम है । राजस्थान के संदर्भ में पानी के उपयोग के लिए बनाई गई है परियोजना राजस्थान की परिस्थितियों में 50 प्रतिशत निर्भरता पर सटीक है । राजस्थान में पानी के उपयोग के लिए यह परियोजना उस समय तैयार की गयी थी जब राजस्थान में भी केंद्र में सत्तारूढ़ दल का शासन था । इसीलिए हाइड्रोलोजीकल की सैद्धांतिक स्वीकृति 08.12.2016, हाइड्रोलोजीकल प्रतिवेदन की स्वीकृति 02.05.2017, फिजिबिलिटी प्रतिवेदन की सैद्धांतिक स्वीकृति 06.10.2017 एवं परियोजना के विस्तृत प्रतिवेदन (DPR) तैयार करने की स्वीकृति 09.11.2017 एवं उसके आधार पर विस्तृत प्रतिवेदन (DPR) 12.01.2018 को केन्द्रीय जल आयोग में प्रस्तुत कर दी थी । इसप्रकार यह परियोजना केन्द्रीय जल आयोग के मार्गदर्शन में तैयार की गयी थी । इस परियोजना में तकनीकी रूप से कोई कमी नहीं है वरन यह परियोजना सारवान है, जिससे राजस्थान का हित जुड़ा हुआ है ।

जाट ने कहा कि इस परियोजना के लिए लोकमत तैयार करने हेतु 13 जिलों में संकल्प अभियान घोषित किया हुआ है, जिसके प्रथम चरण में 3 जुलाई 2022 से आरम्भ संकल्प अभियान 5 जिलों की 21 तहसीलों में 25 बैठकें आयोजित हुई । 832 किलोमीटर के इस मार्ग में 800 से अधिक जागरूक किसानों को साहित्य वितरण किया गया ।