राजस्थान के आईटी टैलेंट पर हमें गर्व – मुख्यमंत्री

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जोधपुर, 13 नवंबर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जनकल्याणकारी योजनाओं में आईटी के इस्तेमाल से लोगों की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव आए हैं।

उन्होने कहा पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी ने 21वीं सदी के लिए जो सपना देखा था, हम उसी पर आगे बढ़ रहे हैं। राज्य सरकार की प्रौद्योगिकी पर आधारित योजनाओं और स्टार्टअप के जरिए युवाओं के सपने भी पूरे हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में टैलेंट को अवसर प्रदान करना हमारी जिम्मेदारी है। मुझे हमारे आईटी टैलेंट पर गर्व है। हम उनके सपनों को पूरा करेंगे।

गहलोत रविवार को जोधपुर के राजकीय पॉलिटेक्निक महावि़द्यालय परिसर में राजस्थान डिजिफेस्ट एण्ड जॉब फेयर के समापन समारोह व राजीव गांधी फिनटेक डिजिटल इंस्टीट्यूट के शिलान्यास समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 672.45 करोड़ रूपये की लागत से इंस्टीट्यूट तैयार होगा, जिसमें विद्यार्थियों और स्टार्टअप्स सहित युवाओं को विश्वस्तरीय मंच मिलेगा।
उन्होंने कहा कि संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह सुशासन में सूचना प्रौद्योगिकी की अहम भूमिका रही है। राज्य सरकार अपनी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए आईटी का इस्तेमाल कर रही है।

गहलोत ने राजस्थान स्टार्टअप नीति-2022 का विमोचन किया। इस नीति से प्रदेश में स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन मिलेगा, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और निवेश क्षेत्र में भी विस्तार होगा। इसमें एससी-एसटी सहित हर वर्ग का विशेष ध्यान रखा गया है।

मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों में उद्यमिता, कौशल विकास के लिए जोधपुर और पाली (वर्चुअल) में आई-स्टार्ट नेस्ट इंक्यूबेटर सेंटर का लोकार्पण किया। उन्होंने सेन्टर के नवनिर्मित भवन का अवलोकन कर युवाओं के साथ संवाद करते हुए तकनीकी जानकारी एवं उनकी भविष्य की कल्पनाआंें के बारे में बातचीत की।

गहलोत ने कहा कि जोधपुर में तीन दिवसीय जॉब फेयर में 23 हजार से अधिक युवाओं ने हिस्सा लिया। इसमें विभिन्न कंपनियों द्वारा रोजगार के लिए 3500 से अधिक युवाओं का चयन किया गया है। यहां 9200 से अधिक युवाओं को शॉर्टलिस्ट भी किया गया है, जो कि एक बड़ी उपलब्धि है। उल्लेखनीय है कि फेयर में युवाओं को लाखों रूपये के पैकेज भी दिये गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करना हमारा कर्तव्य है। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में 10 लाख रूपये तक का निःशुल्क उपचार व 5 लाख रूपये तक का दुर्घटना बीमा देकर प्रदेशवासियों को आर्थिक संबल प्रदान किया गया है। साथ ही गंभीर बीमारियों में ट्रांसप्लांट का पूरा खर्च भी राज्य सरकार वहन कर रही है। प्रदेश सरकार ने राज्य कार्मिकों के हितों में मानवीय दृष्टिकोण से ओल्ड पेंशन स्कीम लागू की है। आज इन दोनों ही योजनाओं की पूरे देश में चर्चा है। कई राज्यों द्वारा इन्हें लागू करने की पहल की गई है। राज्य सरकार सामाजिक सुरक्षा के लिए लगभग 1 करोड़ लोगों को पेंशन उपलब्ध करा रही है।

मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से नॉलेज के साथ सामाजिक संस्कार बढ़ाने के लिए भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि राजस्थानियों के संस्कार और संस्कृति महान है। हमें हमारे इतिहास को जानना चाहिए। प्रदेशवासी भारतीय संविधान की रक्षा करने और लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए संकल्प लें। नई पीढ़ी को अच्छा व्यवहार और सकारात्मक सोच सुपर्द करें।

मुख्यमंत्री ने राजस्थान डिजिटल यात्रा को झंडी दिखाकर रवाना किया। यह यात्रा हर जिले में पहुंचेगी। वहां पर आमजन से बातचीत कर आईटी से उनके जीवन में आए बदलावों की जानकारी लेगी। एक माह बाद रिपोर्ट तैयार कर राज्य सरकार को सौंपी जाएगी। इसी रिपोर्ट के आधार पर आगामी योजनाएं भी तैयार की जाएगी।