मीरा के इकतारे पर हम कबीरा की वाणी लिखते हैं-कृष्ण कल्पित

Iktara-We -write- Kabira's- speech -on -Meera's- Iktara - Krishna's -fiction-jaipur-rajasthan-india

जयपुर 14 दिसंबर। पंडित जवाहर लाल नेहरू बाल साहित्य अकादमी परिसर,जयपुर में सुप्रसिद्ध कवि कृष्ण कल्पित की अध्यक्षता में काव्य गोष्ठी और व्यंग्य पाठ का आयोजन किया गया।

इस संगोष्ठी में सुप्रसिद्ध कवि कृष्ण कल्पित ने इकराम राजस्थानी को नेहरू बाल साहित्य अकादमी का अध्यक्ष बनने पर बधाई देते हुए अपना गीत लेखक जी तुम क्या लिखते हो,हम मिट्टी के घर लिखते हैं मीरा के इकतारे पर हम कबीरा की वाणी लिखते हैं सुनाया। वरिष्ठ कवि प्रोफेसर नरेश दाधीच ने पिता द्वारा पुत्री की विदाई से जुड़ी मार्मिक कविता सुनाई। वरिष्ठ व्यंग्यकार फारूक आफरीदी ने अमृत जी आत्मश्लाघा व्यंग्य और अपनी एक कविता का पाठ किया।

वरिष्ठ गीतकार सत्यदेव संवितेंद्र ने मरुभूमि के विविध रंग बिखेरने वाला राजस्थानी और कल फिर हम आएंगे कुछ सपने लाएँगे सुनाया। प्रमुख शायर अब्दुल समद राही ने मनुष्य कर्म और उसकी जिजीविषा एसई जुड़े शानदार शेर सुनाए।

सुपरिचित व्यंग्यकार बुलाकी शर्मा ने साहित्य से जुड़ा व्यंग्य प्रस्तुत किया। प्रमुख कवि प्रदीप सैनी, व्यंग्यकार और कवि राजेन्द्र मोहन शर्मा एवं प्रभात गोस्वामी ने भी अपनी रचनाएँ सुनाई। राजस्थानी गीतकार नारायण सिंह पीथल ने अपनी राजस्थानी रचनाओं का सस्वर पाठ किया।

कार्यक्रम का संचालन अकादमी के सचिव राजेन्द्र मोहन शर्मा ने किया और अकादमी के उपाध्यक्ष बुलाकी शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया।