नवजात बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र के साथ ही उनके आधार नंबर का रजिस्ट्रेशन जल्द सभी राज्यों में शुरू होगा। यह प्रक्रिया अगले कुछ महीनों में शुरू होने की उम्मीद है। सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी है। मौजूदा समय राजस्थान समेत16 राज्यों में ही नवजात बच्चों के आधार पंजीयन की सुविधा है ।
विशिष्ट आधार पहचान नंबर जारी करने वाली एजेंसी यूआईडीएआई को उम्मीद है कि आने वाले कुछ महीनों में सभी राज्यों में सुविधा उपलब्ध होगी। इससे उन लोगों को आसानी होगी जिनके घर में किसी बच्चे का जन्म हुआ हो।
पांच साल से कम आयु के बच्चों की बायोमेट्रिक जानकारी नहीं ली जाती है। बच्चे की उम्र जब 15 साल होती है, तब इस जानकारी को अपडेट किया जाता है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, जन्म प्रमाण-पत्र के साथ ही नवजात बच्चे का आधार जारी करने का उद्देश्य अब सुनिश्चित हो गया है और इसके लिए आधार नंबर जारी करने वाली एजेंसी भारत के महापंजीयक के साथ मिलकर काम कर रही है।
उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया के लिए जन्म पंजीयन को कंप्यूटर आधारित प्रणाली की आवश्यकता है और जिन राज्यों में यह उपलब्ध है, उनमें यह सुविधा शुरू की जा रही है।
10 साल पुराने आधार का अपडेट कराना होगा डेटा
इससे पहले इसी सप्ताह मंगलवार को यूआईडीएआई ने अनुरोध किया था कि जिन आधार कार्डधारक को दस साल से ज्यादा समय पहले विशिष्ट पहचान पत्र जारी किया गया था, वो अपने पहचान और निवास प्रमाण पत्रों से अपडेट कराएं।
यूआईडीएआई ने एक बयान में कहा था कि अपडेशन ऑनलाइन के साथ-साथ आधार केंद्रों पर भी किया जा सकता है। इसमें कहा गया कि जिन लोगों को दस साल से अधिक समय पहले विशिष्ट पहचान संख्या जारी की गई थी और उन्होंने अपडेशन नहीं किया है, उनसे इससे जुड़े दस्तावेजों को अपडेट करने के लिए अनुरोध किया जाता है। हालांकि, आधार नंबर जारी करने वाली एजेंसी ने यह नहीं बताया कि क्या यह अपडेशन अनिवार्य है या नहीं।कोई भी व्यक्ति जिसने अपना आधार दस साल पहले बनवाया था और बाद के किसी भी वर्ष में कोई जानकारी अपडेट न की हो, उनसे पहचान या पते वाले दस्तावेजों के साथ अपडेट कराने का अनुरोध किया जाता है।