2050 तक ट्रीटेड वेस्टवॉटर की मात्रा दिल्ली से 26 गुना …………

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नई दिल्ली, 28 मार्च : भारत में अगर चुनिंदा क्षेत्रों में ट्रीटेड वेस्टवॉटर (उपचारित अपशिष्ट जल) की बिक्री की व्यवस्था हो तो 2025 में इसका बाजार मूल्य 83 करोड़ रुपये होगा, जो 2050 में 1.9 अरब रुपये पहुंच जाएगा।

यह जानकारी मंगलवार को जारी काउंसिल ऑन एनर्जी, इनवायरनमेंट एंड वॉटर (सीईईडब्ल्यू) के एक स्वतंत्र अध्ययन ‘रियूज ऑफ ट्रीटेड वेस्टवॉटर इन इंडिया’ में दी गई है। अनुमानित सीवेज उत्पादन और ट्रीटमेंट क्षमता के आधार पर, 2050 तक भारत में कुल वेस्टवॉटर की मात्रा 35,000 मिलियन क्यूबिक मीटर से ज्यादा रहने का अनुमान है। इसलिए, इसके रियूज (पुनर्उपयोग) की अपार संभावना मौजूद हैं। 2050 तक निकलने वाले वेस्टवॉटर के ट्रीटमेंट से जितना पानी मिलेगा, उससे दिल्ली से 26 गुना बड़े क्षेत्रफल की सिंचाई की जा सकती है।

सीईईडब्ल्यू के अध्ययन ‘रियूज ऑफ ट्रीटेड वेस्टवॉटर इन इंडिया’ बताता है कि सिर्फ 2021 में निकलने वाले वेस्टवॉटर के रियूज में 28 मिलियन मीट्रिक टन फल-सब्जी उगाने और इससे 966 अरब रुपये राजस्व पैदा करने की क्षमता थी। इसके अलावा, इसमें 1.3 मिलियन टन ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन कम करने और उर्वरकों का इस्तेमाल घटाते हुए 5 करोड़ रुपये की बचत करने की क्षमता भी थी।